We all will miss you Ashutosh kumar Rajan sir
#राजन_सर, सिर्फ #Mass_Communication मास कम्युनिकेशन के शिक्षक ही नहीं है, अपितु बहुत अच्छे इंसान भी हैं। इसके साथ ही साथ सर #PTN_news_Patna में विशेष संवाददाता भी हैं . विगत कई वर्षों से पत्रकारिता के छात्रों को पत्रकारिता से संबंधित प्रैक्टिकल टेक्निकल ज्ञान दे रहे हैं। इसके साथ ही साथ स्क्रिप्ट राइटिंग विजुअल एडिटिंग न्यूज़ मेकिंग जैसे तमाम छोटे-छोटे लेकिन मोटी गंभीर विषयों से छात्रों को रूबरू करा रहे हैं ।
सीखने के दौरान कई बार ऐसा अवसर आया, जिस दौरान सर से एक ही चीज को बार-बार पूछना पड़ा। लेकिन सर एक बार भी गुस्सा नहीं हुए ना ही उन्होंने कभी यह कहा कि हम नहीं बताएंगे। यदि मैं सत्य सत्य कहूं तो इससे पहले मुझे स्क्रिप्ट राइटिंग का कोई भी आईडिया नहीं था बस जो मैंने पढ़ा था उसकी थोड़ी बहुत जानकारी थी। और कुछ बड़े पत्रकारों का मार्गदर्शन भर मिला था। समयाभाव में न ही वे कुछ सिखा पाते थे और न मैं कुछ सिख ही पाता था।
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के दौरान बहुत सारे मित्रों से मुलाकात हुई जो अपने अपने क्षेत्र में किसी न किसी पत्रिका पत्रिका अथवा समाचार पत्रों या न्यूज़ चैनलों से जुड़े हुए हैं और अपना बेहतर देने की कोशिश कर रहे हैं किंतु उनके पास भी टेक्निकल अभाव था और वह भी इसी आशा में आए थे कि शायद यहां कुछ नया सीखने को मिले उन सबका कहना था किस क्षेत्र में सिर्फ विज्ञापन का खेल है यदि आप विज्ञापन लाते हो तो आप हीरो हो अगर नहीं लाते हो तो जीरो हो । उनका अनुभव था की पत्रकारिता करते हुए उन्होंने जो जानकारियां पढ़ कर ली और जो जानकारियां प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के दौरान उन्हें मिली वास्तव में फील्ड वर्क में वह इस से अनभिज्ञ थे ।
इतना ही नहीं राजन सर के अलावा #मनोज सर और #श्रीकांत प्रत्युष सर का भी हम लोग तहे दिल से धन्यवाद करते हैं जिनका इस प्रैक्टिकल के दौरान मोटिवेशन रहा एवं दिशा-निर्देश मिलता रहा इतना ही नहीं, #PTN_NEWS के Director श्रीकांत सर ने बतौर जूनियर जनर्लिस्ट 1 साल तक PTN NEWS न्यूज़ में निशुल्क ट्रेनिंग करने का हमें #जाँब_ऑफर भी दिया।
. बड़ी ही अच्छे ढंग से हम लोगों का प्रैक्टिकल ट्रेनिंग आज संपन्न हुआ। आज शब्द कम थे किंतु भावनाओं का सागर छलक रहा था। क्योंकि इतने दिनों तक साथ साथ पढ़ने सीखने के बाद आज सभी अपने अपने घर की ओर लौट रहे थे घर लौटने की खुशी थी लेकिन मित्रों से बिछड़ने का गम भी था सर से बिछड़ने का गम भी था सभी लौटते हुए एक बार न्यूज़ रूम के दरवाजे की तरफ उलट-पुलट कर देख रहे थे मानो कोई कह रहा हो ठहरो कहां जा रहे हो। किंतु सर ने हम सभी को कल ही शपथ दिला दिया था कि फेल होकर यहां नहीं आना है जब भी आना है आगे की शिक्षा लेने ही आना है। सर के इन्हीं शपथ को याद करते हुए हम नम आंखों से विदा हुए हैं।।
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