मोतिहारी। आज मोतिहारी अल्लामा इकबाल के जन्मदिन के अवसर पर स्थानीय डॉक्टर परवेज हॉस्पिटल के सभाकक्ष में जनवादी लेखक संघ के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
गोष्ठी की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष ध्रुव त्रिवेदी और संचालन कर्म का निर्वाह डॉक्टर सबा अख्तर शोख ने किया। विशेष अतिथि के रूप में हिंदुस्तान प्रभारी सतीश मिश्रा और डॉ खुर्शीद अजीज ने भी कविताओं से ओतप्रोत हुए जलेश अध्यक्ष ध्रुव त्रिवेदी ने अपनी अध्यक्षीय भाषण में संक्षेप में एक बाल के जीवनी का चित्रण किया । उन्होंने इकबाल की रचनाओं को कोट करते हुए कहां की " गरमाओ लहू सोजेयकी से"। यहां अल्लामा इकबाल पर भी लागू है हजारों साल रोती है अपनी बेनूरी पर, तभी जाकर चमन में होता है दीदावर पैदा ।
वहीं वकार अली ने अपना आलेख प्रस्तुत किया सतीश कुमार ने अंसार कंबरी की एक ग़ज़ल मधुर आवाज में पेश किया जिसकी एक-एक पंक्ति पठनीय रहा ।
राकेश कुमार (वरिष्ठ कवि) ने भी भावुकता से भरी कविता का पाठ किया जब दर्द हृदय को मथता है तब शब्द गीत बन जाता है।
रफी अहमद आफताब ने भी अदब व साहित्य में उस्ताद शागिर्द की परंपरा को पंक्तिवद्ध किया गजल की आबरू शाम ओ सहर उस्ताद रखते हैं चमक जाते हैं वह पत्थर भी जो नक्काद रखते हैं।
रूहउल हक हमदम ने इकबाल की शख्सियत को अपने शेर के माध्यम से कहा का विषय इकबाल का एजाज है अपने उर्दू को शामिल कर दिया।
इस कार्यक्रम में बींटी शर्मा, मौलाना बशर, नकुल कुमार कलीमुल्लाह,कलीमुल्लाह आदि ने भी कविता पाठ किया ।डॉ खुर्शीद अजीज ने कवियों व श्रोता गण का धन्यवाद ज्ञापन किया।
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