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चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार

NAKUL KUMAR

NAKUL KUMAR is a freelance reporter. Now a days he is working with NTC CLUB MEDIA . He is completed Honours in Journalism & Mass Communication. He has five yerars Exp. in JOURNALISM.

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चंपा से चंपारण के नायक करोड़पति सुशील कुमार

Wednesday, June 27, 2018

किसी ने ठीक ही कहा है आसमान में सुराग क्यों नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो

चंपा से चंपारण वृक्षारोपण अभियान चलाकर जिस तरह से करोड़पति सुशील कुमार ने चंपा के पौधे से चंपारण के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित किया है इसकी कितनी भी तारीफ की जाए कम है मालूम हो कि 3 महीना पहले करोड़पति सुशील कुमार ने यह सपना भी नहीं देखा होगा कि उनका यह अभियान इतना विस्तृत रूप धारण कर लेगा और इसे इतना बड़ा जनसमर्थन हासिल होगा
लगभग 3 महीना पहले सुशील कुमार के पिता ने अपने नए जमीन पर एक चंपा का पौधा लगाया था इसे देखकर सुशील कुमार के मन में जिज्ञासा हुई कि चंपा का पौधा हमारे ही दरवाजे पर क्यों सब के दरवाजे पर क्यों नहीं काफी सोच विचार के बाद सुशील कुमार इस निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे थे कि आखिर इसकी शुरुआत कहां से कैसे किया जाए पता नहीं क्या होगा जनता का समर्थन हासिल होगा या लोग मजाक बनाएंगे फिर सुशील कुमार अपने पॉकेट मनी से कुछ चंपा के पौधे खरीद कर अपने मित्रों सगे-संबंधियों के दरवाजे पर लगाने लगे और इस का फोटो खींचकर सोशल साइट पर डालने लगे सोशल साइट पर इसका जबरदस्त प्रभाव देखने को मिला सोशल साइट्स पर प्राप्त जनसमर्थन ने करोड़पति सुशील कुमार के मनोबल को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया एवं चंपा चंपा पौधे के वृक्षारोपण कि जो पृष्ठभूमि उनकी मस्तिष्क में तैयार हो चुकी थी उसको अब धरातल पर उतरने का वक्त आ गया था
 बकौल सुशील कुमार जब मैं इस कार्यक्रम को मेधा पाटकर जी के साथ लॉन्च किया मुझे स्वयं उम्मीद नहीं थी कि यह आंदोलन इतना बड़ा जन आंदोलन बन जाएगा और चंपारण के ही निवासी एवं एन आर आई राकेश पांडे जी के सवा लाख चंपा पौधे के डोनेशन के बाद मानो या चंपा से चंपारण कार्यक्रम युद्ध स्तर पर चलने लगा स्वयंसेवक बनते गए एवं लोग अपने स्तर से भी पौधे लगाते गए यहां तक कि लोग पौधे के साथ फोटो खींचकर मुझे भेजने लगे जिसे मैं सोशल साइट पर डाल उनके नाम के साथ डालने लगा जिससे इस कार्यक्रम को और भी ज्यादा प्रोत्साहन मिला।।

 वृक्षारोपण का कार्यक्रम पूरे भारत में जगह-जगह चलाए जा रहे हैं . चाहे वह समस्तीपुर में बीएसएस क्लब के संस्थापक राजेश कुमार सुमन द्वारा हो अथवा मोतिहारी में बिहार पुलिस के कांस्टेबल रामलाल द्वारा चलाया जा रहा हो इतना ही नहीं जमुई में भी साइकिल यात्रा के माध्यम से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर बहुत सारे सामाजिक संगठन भी पूरे बिहार में भिन्न भिन्न तरीके से वृक्षारोपण कार्यक्रम चला रहे हैं किंतु चंपारण में चंपा के पौधे का वृक्षारोपण इन सभी कार्यक्रमों से काफी भिन्न है क्योंकि यह चंपारण के गौरवशाली इतिहास से भावनात्मक रूप से काफी जुड़ा हुआ है यही कारण है कि कार्यक्रम अपने शुरुआती दिन से ही  व्यापक स्तर पर जन जन समर्थन हासिल करता  जा रहा है।।

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रिपोर्टर नकुल कुमार के साथ आप  पढ़ रहे हैं 

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                      उसके बाद लोगों का कारवां जुड़ता चला गया स्कूल, कॉलेज, कोचिंग हर तरफ से चंपा पौधा वृक्षारोपण के लिए कॉल आने लगे उसके बाद करोड़पति सुशील कुमार ने सभी जगह जाकर चंपा के पौधे का वृक्षारोपण किया। गर्मियों की छुट्टी से पहले एक  लाख 8000 पौधों की पहली खेप में 20000 पौधे आ चुके थे ।

सुशील कुमार ने प्लानिंग किया की कोचिंग स्कूल आदि की छुट्टी से पहले वहां पहुंच कर बच्चों के बीच पौधे का वितरण किया जाए क्योंकि अलग-अलग घर से आए हुए यही बच्चे जब अपने घरों के दरवाजे पर जाकर चंपा का पौधा लगाएंगे तो चंपा से चंपारण कार्यक्रम  अपने उद्देश्य को प्राप्त करेगा और  यही हुआ भी अपने प्लान के मुताबिक करोड़पति सुशील कुमार ने पता किया कि किस कोचिंग स्कूल की छुट्टी कब होने वाली है और फिर वहां अपने लाव लश्कर के साथ पहुंचकर प्रत्येक बच्चों को चंपा का पौधा वितरण  करते हुए उन्हें चंपा से चंपारण के गौरवशाली इतिहास से रूबरू कराते गए । इससे  बच्चों में  अपने चंपारण के गौरवशाली इतिहास चंपारण से चंपारण  के बारे में जानकारी प्राप्त हुई तथा  इसे प्रचारित-प्रसारित करने में सहायता प्राप्त  हुई और धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया ।।

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 गांधीवादियों के साथ वृक्षारोपण कर करते करोड़पति सुशील कुमार

  मोतिहारी के SP उपेन्द्र शर्मा चंपा का पौधा लगाते हुए स्कूल कॉलेज के बच्चे चंपा का पौधा अभियान में हिस्सेदारी निभाते हुए

 मोतिहारी के DM रमण कुमार चंपा से चंपारण अभियान में अपनी भूमिका निभाते हुए

 विभिन्न कॉलेज स्कूल कोचिंग आदि में घूम-घूमकर करोड़पति सुशील कुमार चंपा से चंपारण अभियान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को समझाते हुए

 चंपारण के मूल निवासी एवं एन आर आई लंदन निवासी राकेश पांडे जिन्होंने चंपा से चंपारण अभियान में एक लाख आठ हजार चंपा के पौधे का डोनेशन किया।

 मोतिहारी के पूर्व डीएम व तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त नर्मदेश्वर लाल चंपा से चंपारण अभियान में अपनी भागीदारी निभाते हुए

 विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा चंपा से चंपारण अभियान में अपनी भूमिका अदा की गई

 बिहार के वर्तमान उपमुख्यमंत्री व पर्यावरण मंत्री सुशील  मोदी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन चंपा से चंपारण अभियान में अपनी भूमिका निभाते हुए मालूम हो कि करोड़पति सुशील कुमार 27 जून 2018 को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार से मिले एवं उनसे चंपारण आकर चंपा के पौधे लगाने का आग्रह किया जिसे उप मुख्यमंत्री व पर्यावरण मंत्री मंत्रालय के मंत्री सुशील  मोदी ने सहर्ष स्वीकार कर लिया साथ ही साथ उन्होंने वादा किया कि  चंपारण के सभी सड़कों के दोनों किनारों पर चंपा के पौधे का वृक्षारोपण किया जाएगा ।।

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 चंपारण के विभिन्न स्कूल-कॉलेजों द्वारा चंपा से चंपारण  अभियान में अपनी  विभिन्न तरीकों से भूमिका अदा की गई 📝आप पढ़ रहे हैं NTC NEWS MEDIA ब्लॉगर और मैं हूं 

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29 एवं 30 जून को होगा चंपारण युवा संसद का आयोजन

आगामी दिनांक 29 व 30 जून को मुंशी सिंह महाविद्यालय में होने वाले दो दिवसीय चम्पारण युवा संसद कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु आयोजन समिति रेनू फाउंडेशन के बैनर तले स्थानीय कार्यालय में बैठक की गयी | इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु तैयारियों एवं कार्यक्रम के रुपरेखा पर विचार विमर्श किया गया |। इस कार्यक्रम का उद्देश्य चम्पारण का समावेशी  विकास वो उसके रोडमैप तथा विकास कार्यो में आ रहे अड़चनो की भी चर्चा स्थानीय जनप्रतिनिधि कानूनविद , शिक्षाविद तथा अलगअलग क्षेत्रो के जानकारों के समक्ष रखा जायेगा, साथ ही साथ छात्रों वो  नौजवानो को भारतीय संविधान एवं संसद की कार्यवाही की जानकारी भी दी जाएगी। बैठक में संस्थापक राहुल सिंह रेनू , संरक्षक अधिवक्ता पवन कुमार सिंह  ,अधिवक्ता कुंज रमन मिश्र , डॉ हेमंत झा , अधिवक्ता निशांत कुमार , सिद्धार्थ मिश्र , सुधांशु देव , विजय कुमार समेत  आयोजन समिति के सभी सदस्य उपस्थित रहे |

मोतिहारी में श्रद्धांजलि सभा में पुष्पांजलि अर्पित कर दी गई अरुण जेटली को भावभीनी श्रद्धांजलि

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बॉलीवुड में राज करना चाहते हैं अमित कुमार भारती

पटना। बिहार के नालंदा जिले के बिहार शरीफ के रहने वाले अमित  कुमार  भारती ने मॉडलिंग हंट शो मिस्टर एंड मिस मगध सीजन 02 में फर्स्ट रनर अप का खिताब अपने नाम कर लिया हो लेकिन उनके बड़े सपने अभी पूरे होने बाकी  है।  सुपरनोवा इवेंट मैनेजमेंट की ओर से हाल ही में बिहारशरीफ में मिस्टर एंड मिस मगध सीजन 02 का फिनाले हुआ जिसमें अमित ने फर्स्ट रनर अप काऋ खिताब अपने नाम किया।  अमित के पिता कृष्णा कुमार बिजनेस जबकि मां श्रीमती  सावित्री देवी गृहणी है। अमित के तीन भाई और चार बहनें है।  अमित की  प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से हुई जहां उनके पिता बिजनेस किया करते थे। कुछ  समय के बाद अमित अपने परिवार वालों के साथ अपने गृह जिले नालंदा आ गये।  बचपन के दिनों से अमित की रूचि मॉडलिंग और अभिनय की ओर थी।  शाहरूख खान को  आदर्श मानने वाले अमित अभिनय के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। हाल ही में उन्हें सोशल मीडिया पर मिस्टर एंड मिस मगध सीजन 02 के बारे  में पता चला और उन्होंने इस शो में हिस्सा लिया।  अमित ने बीटेक की पढ़ाई  की है। वह इन दिनों एमबीए की पढ़ाई कर रहे हैं। अमित भारत

जब कलेक्टर के साथ स्कूल पहुँची खुशी... पढ़िए रितु साहू की रिपोर्ट

जेल में 6 साल से बेगुनाही की सजा काट रही खुशी का हुआ इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन, कलेक्टर के साथ स्कूल पहुँची खुशी बिलासपुर (छग) जब एक पिता अपनी बेटी को खुद से विदा करता है तब दोनों तरफ से सिर्फ आंसू ही बहते हैं। आज बिलासपुर केंद्रीय जेल में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जेल में बंद एक सजायफ्ता कैदी अपनी 6 साल की बेटी खुशी( बदला हुआ नाम) से लिपटकर खूब रोया। वजह बेहद खास थी। आज से उसकी बेटी जेल की सलाखों के बजाय बड़े स्कूल के हॉस्टल में रहने जा रही थी। करीब एक माह पहले जेल निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ संजय अलंग की नजर महिला कैदियों के साथ बैठी खुशी पर गयी थी। तभी वे उससे वादा करके आये थे कि उसका दाखिला किसी बड़े स्कूल में करायेंगे। आज कलेक्टर डॉ संजय अलंग खुशी को अपनी कार में बैठाकर केंद्रीय जेल से स्कूल तक खुद छोड़ने गये। कार से उतरकर खुशी एकटक स्कूल को देखती रही। खुशी कलेक्टर की उंगली पकड़कर स्कूल के अंदर तक गयी। एक हाथ में बिस्किट और दूसरे में चॉकलेट लिये वह स्कूल जाने के लिये सुबह से ही तैयार हो गयी थी। आमतौर पर स्कूल जाने के पहले दिन बच्चे रोते हैं। लेकिन खुशी आज बेहद खुश

भगवान से कम नहीं है.....इमरजेंसी वाले डॉक्टर साहब

छत्तीसगढ़। इस देश में हर वर्ग के हिसाब से हर इंसान की हैसियत के हिसाब से और हर इंसान की चॉइस के हिसाब से हर किसी का अपना एक डॉक्टर होता है।उच्च श्रेणी के उच्च वर्ग वाले लोगों के फैमिली डॉक्टर होते हैं। मध्यमवर्ग वालों के लिए चैरिटेबल, सरकारी या थोड़े से सस्ते वाले डॉक्टर होते हैं। गांव में पाए जाने वाले कंधे पर झोला टांग कर घूमने वाले भी देशी डॉक्टर होते हैं। जो किसी डॉक्टर के पास इंजेक्शन लगाने गोलियां दवाइयां देने का काम सीख कर गांव वालों की सेवाएं करते हैं। अब गांव वालों के लिए तो वह भी भगवान से कम नहीं है, जो मौके पर उनके कष्ट का निवारण कर उन्हें दर्द से निजात दिलवा देते हैं। साईकल पर गली में खड़े खड़े ही मरीजों की ओ पी डी से लेकर एम आर आई तक करने वाले गांव के डॉक्टर जब किसी मरीज को देखते हैं, तो मरीज उन से तरह-तरह के सवाल और अपने दर्द के बारे में तलब करते हैं। सिर में दर्द है,पीठ में दर्द है,कमर में दर्द है यह दवाई ले लो। क्या इससे काम चल जाएगा....? चिंता मत करो सारी बिमारीयों काम तमाम करेगी। इस तरह से बिना बेड पर लेटा कर इलाज कर देने वाले, मौके पर काम आने वाले इन झोला टां

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर संपन्‍न हुआ न्‍यू बूगी - बूगी ऐकेडमी का वार्षिकोत्‍सव

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