बापू सभागार में आयोजित ‘ऑक्टेव 2019’ में पूर्वोत्तर के कलाकारों ने अपनी अनूठी प्रस्तुति से बांधा समां
पटना, 13 दिसंबर 2019 : पटना के बापू सभागार में उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों की कला और संस्कृति के तीन दिवसीय कार्यक्रम ‘ऑक्टेव 2019’ के दूसरे दिन भी पूर्वोत्तर की कला और संस्कृति का अदभुत प्रदर्शन जारी रहा है।
इस दौरान पूर्वोत्तर भारत से आये कलाकारों ने जहां अपनी सभ्यता, संस्कृति और कला से पटना के लोगों को मनमोह लिया, वहीं, बापू सभागार के ऑडिटोरियम के बाहर लगे पूर्वो के खान – पान की वस्तुओं का भी पटना के लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया।
कार्यक्रम की शुरूआत आज पूर्वोत्तर के फेमस रॉक बैंड से हुई, जिसकी धुन पर पटना की दर्शक झूमते नजर आये। इस दौरान कलाकारों ने पूर्वोत्तर भारत से लेकर बॉलीवुड और भोजपुरी गानों को भी अपने अंदाज में प्रस्तुत किया।
उसके बाद पूर्वोत्तर भारत सातों राज्यों की लोक कला का प्रदर्शन भी हुआ। आज भी पूर्वोत्तर की वेश भूषा और रहन सहन थीम पर फैशन शो का आयोजन किया गया।
आपको बता दें कि 12 दिसंबर 2019 से 14 दिसंबर 2019 तक पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार द्वारा प्रस्तुत उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों की कला और संस्कृति का यह उत्सव कल समाप्त हो जायेगा।
इस उत्सव को लेकर पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता के निदेशक गौरी बसु ने उत्तर-पूर्व की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को अभिव्यक्त करनेवाला एक खूबसूरत त्योहार है जिसे 2006 में शुरू किया गया था।ऑक्टेव पूर्वोत्तर को ध्यान में लाता है और देश के अन्य हिस्सों के लोगों के बीच इस क्षेत्र के शानदार और सामंजस्यपूर्ण सौंदर्य के बारे में बेहतर रूप से समझ विकसित करता है । अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के अष्ट कोणीय गठन की अपनी अलग सांस्कृतिक परंपरा और स्थलाकृति है।
उन्होंने कहा कि हाल में अपने मूल के माध्यम से ऑक्टेव अब देश के सांस्कृतिक कैलेंडर में एक प्रमुख कार्यक्रम बन गया है जनसांख्यिकी, सांस्कृतिक और भाषाई रूप से नॉर्थ ईस्ट के अस्तित्व वाले संस्कृतियों के सुंदर सम्मेलन का आदर्श उदाहरण है। यह महोत्सव उत्तर-पूर्व शास्त्रीय नृत्य रूपों, दृश्यकला और हस्तशिल्प की लोक जनजातीय परंपराओं को प्रदर्शित करेगा। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के रंगीन त्योहार और उत्सव लोगों की आशा, खुशी, सपने और आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है।
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