पटना 14 दिसंबर भोजपुरी सिनेमा की जानी अभिनेत्री अभिनेत्री और एंकर श्यामली श्रीवास्तव महिला प्रधान फिल्मों का निर्माण करना चाहती है। 30 से अधिक भोजपुरी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली श्यामली श्रीवास्तव अब फिल्मों का निर्माण भी करना चाहती है।
श्यामली श्रीवास्तव ने कहा कि वह साफ-सुथरी और मनोरंजन से परिपूर्ण महिला प्रधान फिल्मों का निर्माण करना चाहती है। श्यामली ने बताया कि यह जरूरी नही है कि वह अपनी निर्मित फिल्मों में अभिनय करे। वह स्क्रिप्ट की डिमांड पर अभिनेत्री का चयन करेंगी।
श्यामली श्रीवास्तव ने महज चार साल की उम्र से अपने अभिनय जीवन की शुरूआत रंगमंच से की थी। बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर की रहने वाली श्यामली को अभिनय की कला विरासत में मिली है।
उनके पिता स्वर्गीय सूरत शरण कुमार श्रीवास्तव और बड़ी बहनें शेफाली श्रीवास्तव और दीपाली श्रीवास्तव रंगमंच से जुड़ी हुयी थी। श्यामली ने बताया कि वह अपने पिता के रचित नाटकों में अभिनय किया करती थी। इसके बाद उन्होंने अलबम और बाद में फिल्मों में काम किया।
श्यामली श्रीवास्तव हालांकि अब रंगमंच से दूर है लेकिन उनका कहना है कि अच्छी स्क्रिप्ट मिलने पर वह फिर से रंगमंच पर काम कर सकती है।श्यामली को फिल्म इंडस्ट्री में आये हुये एक दशक से अधिक का समय हो गया है। श्यामली ने अपने करियर में कई तरह के किरदार पर्दे पर निभाए हैं जिनके कारण वह दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं। श्यामली ऐक्टिंग को अपना पैशन मानती है।
श्यामली ने बताया कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में उनकी अबतक की यात्रा काफी अद्भुत रही है। इस शानदार यात्रा में मैंने कई बेहतरीन लोगों के साथ काम किया। मैं ऐक्टिंग के लिए ही पैदा हुई थी और मुझे महसूस होता है कि इसी को लेकर मैं पैशनेट हूं।मैं उम्मीद करती हूं कि मैं अपनी जिंदगी के अंत तक ऐक्टिंग करती रहूं।
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