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शब्द ​से नकुल कुमार तक

तनख्वाह वाली भावी पत्नी के नाम बेरोजगार पति की चिठ्ठी:-- हे प्रिय मैं क्या लिखूं हर शब्द में तेरी आहट है। हर शब्द में तेरी चाहत है। हर शब्द ऐसे बेकरार है, तुममें मिटने को तैयार है। तुम शब्द से आह भरती हो, क्यों इतना चाहत करती हो। इन शब्द से पटती दूरी है, अब ऐसी क्या मजबूरी है। मैं शब्दों​ में शबनम देखा हूं, तुम्हें शब्द में हरदम रक्खा हूं। मैं रात को रात न समझा कभी, दिन में भी खुद को मिटा दिया। तेरी काम वाण का आकर्षण, अमावस्या को चांद दिखा दिया। हे प्रियतम अब बेकरार हूं, तुममें, मिटने को तैयार हूं। तुम शब्द कमान से, काम-बाण, यूं बार बार चलाओ न। मेरे सन्नाटे से जीवन में, तुफान बन आ जाओ न। तुम शब्द से शब्द मिलाओ ना, कभी मुझमें आ बस जाओ ना। #तुम्हारा भावी बेरोजगार पति। नकुल कुमार आलोचक मोतिहारी पूर्वी चम्पारण बिहार 08789826276 08083686563

नकुल विचार

Good morning friends कुछ लोग कुछ लोगों को पागल कह रहे थे इंटरेस्टिंग बात यह है कि जिनको पागल कहां जा रहा था उन्हीं लोगों ने समाज को पागलपन से बचाया कितना अजीब बात है ना। नकुल कुमार आलोचक मोति...

Champaran Youth Conference 2017

आज दिनांक 01.04.2017 को मोतिहारी गांधी संग्रहालय में चंपारण यूथ कांफ्रेंस 2017 का आयोजन ख्वाब फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया । उक्त कार्यक्रम में पूरे भारत से आए हुए युवाओं ने अप...

Anti Romiyo

तुम्हारे तड़प में, मैं जीने लगा हूं।। तुम्हारा जहर, मैं पीने लगा हूं। और खुशनसीबी रही होगी, उस रोमियो की, जिससे तुमने बेवफाई की होगी । मैं तो, बस यूं ही फंस गया, जान बूझकर, तुम्हारी, कसौटी पूरण को नहीं, अपितु, उन सबको बचाने के लिए, जो तुममें वासना, और जिनमें तुम अवसर तलाशती थी । तुम्हारी बेवफाई ने ही, उन्हें रास्ता दिखाया, आगे का।। जीवन जीने की कला, प्रस्फुटित हुई, उनमें वास्तव में, तुम्हारी बेवफाई पूजनीय है।। शुभ रात्रि नकुल कुमार आलोचक मोतिहारी पूर्वी चम्पारण बिहार +91 8789826276 +91 8083686563

BPA1 बचपन पढ़ाओं आन्दोलन -1

Bachpan Padhao Aandolan.                          बचपन पढ़ाओं आंदोलन अपने नए प्रांगण में.............. दिनांक 28.03.2017 से पुनः प्रारंभ हुआ।( सुबह 8 बजे से 9 बजे तक) आज कुल दस बच्चों की उपस्थिति रही। प्रचार-प्रसार ज...

Private sector script by Nakul Kumar

नकुल की कलम से.....…...............✍            *प्राईवेट सेक्टर में सैलरी कम व शोषण ज्यादा है । समय की पाबंदी में खुद को मशीन बना देने पर भी, आपका मनोबल तब धराशाई हो जाता है जब आप में हजारों खाम...