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बिहार पुलिस बहाली

नकुल कुमार/मोतिहारी Whatsapp:-8083686563                 मोतिहारी के गांधी मैदान में आजकल युवाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है। यह भीड़ मेला देखने वालों की नहीं है,किसी कार्यक्रम में शरीक होने वालों कि नहीं है, नेताओं का भाषण सुनने वालों की नहीं है,बल्कि मातृभूमि की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने वाले युवाओं की है।                 यह वही युवा है जो कभी भगत सिंह बन कर मातृभूमि की सेवा की है,तो कभी सूली पर चढ़ कर मातृभूमि की सेवा की है। कभी आजादी के दीवानों की टोली सड़कों पर निकलती थी पर आजकल गांधी मैदान में बिहार पुलिस में बहाली को लेकर फिजिकल की तैयारी करने वाले युवाओं की टोली है। यह युवा हाई जंप, लॉन्ग जंप, गोला फेंकना,रस्सी कूदना एवं दौड़ लगाने की प्रैक्टिस कर रहे हैं।                                      मालूम हो कि बिहार पुलिस में कांस्टेबल की बहाली निकली हुई है। जिसमें पहले रिटेन एग्जाम इन जाएगी एवं उसके बाद शारीरिक दक्षता की कसौटी पर अभ्यार्थियों को परखा जाएगा। वे सभी अभ्यर्थी जो इन दोनों मापदंडों पर खरे पाए जाएंगे उन्हें चयनित किया जाएगा।।

क्या तीसरी आंख सुरक्षित है....?

नकुल कुमार साह/मोतिहारी #क्या_तीसरी_आंख_सुरक्षित_है...?                      यूं तो मोतिहारी शहर के चौक चौराहों पर तीसरी आंख का पहरा है किन्तु यक्ष प्रश्न यह है कि क्या इन पहरेदारों के आंखों की सेहत व सुरक्षा का ख्याल किया गया है....?                     जी हां नीचे के फोटो में आप देख सकते हैं कि किस तरह से सीसीटीवी कैमरे के मूल से एक तार निकल रही है। जो कि नीचे लगे एक बॉक्स में जाती है। इसके द्वारा इंटरनेट के माध्यम से कैमरे के द्वारा ली गई फोटो वीडियो आदि अपने कंट्रोल रुम को भेजी जाती है।                     जरा सोचिए अगर अपराधी किसी बड़ी साजिश के तहत किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले हो और उससे पहले इस वायर को ही काट देंगे तो क्या कंट्रोल रूम तक कोई फोटो या वीडियो पहुंच पाएगा...? उसके बाद प्रशासन लापरवाही का रोना रोएगा। लेकिन...........तब तक घटना हो चुकी होगी। #अब_प्रश्न_उठता_है_कि_समस्या_का_समाधान_क्या_है...?          #समाधान: यदि सभी तार जो लटकते हुए नजर आ रहे हैं इनको लोहे के पाइप के माध्यम से लाकर सीधा बस के अंदर डाला जाता इस परिस्थिति में ऐसी किसी भी संभावना से बचा जा सकता था

स्वच्छ भारत अभियान फेल

हल्का होने के चक्कर में, फंस गए देखो महामना ।। स्वच्छ भारत अभियान में, करने को था किया मना।। नियति यह बिहार की, कमी गठबंधन सरकार की। कागज पर खूब काम हुएं, अख़बारों में नाम हुएं। ज़मीनी हक़ीक़त कोसों दूर, अंततः महामना हुएं मजबूर।। नकुल कुमार साह युवा आलोचक In light of the lighter, Look trapped In the Swachh Bharat Abhiyan, To do was forbidden .. Destiny It's Bihar, The lack of coalition government. Work a lot on paper, Name in the newspapers So far the earth's reality, Finally, be forced to become pregnant .. Nakul Kumar Sah Young critic

इश्क का पत्थर

इश्क का पत्थर, जो फेंकती हों तुम। कसम से बार बार, उठाने को जी चाहता है।। तुम्हारी अदाएं इतनी मदहोश है, कि बार बार तुम्हारी गली में, आने को जी चाहता है।। "नकुल कुमार साह"

शमशान की कमी से जूझता मोतिहारी

#नकुल_कुमार /मोतिहारी 8083686563 #शमशान_घाट_की_कमी_से_जूझता_मोतिहारी:- #क्या_मोतिहारी_में_मुस्लिम_कब्रगाहों_की_तरह_हिंदुओं_के_लिए_भी_श्मशानघाट_नहीं_होना_चाहिए....? नीचे के चित्र में दिल्ली श्मशान घाट को दिखाया गया है। पटना में भी श्मशान घाट है लेकिन दिल्ली का यह श्मशानघाट कुछ ज्यादा अच्छा है क्योंकि इसमें पर्यावरण को भी तरजीह दी गई है       मोतिहारी शहर जो कि #केंद्रीय_कृषि_मंत्री_राधा_मोहन_सिंह का संसदीय क्षेत्र है । लगभग 10 लाख जनसंख्या है इस जिले की। यहां से आईएएस-आईपीएस एवं करोड़पति सुशील कुमार निकले हैं । मोती झील जैसी सुंदर सरोवर है लेकिन श्मशानघाट नहीं है श्मशानघाट की कमी के कारण लोग यहां वहां लाश जला देते हैं या फिर शहर से दूर ले जाकर कहीं जंगल या खेत किनारे जलाते हैं यह दुखद है । #नगर_परिषद_मोतिहारी को भी इस विषय पर सोचना चाहिए ताकि हिंदू समाज के लोग शवों को एक ही स्थान पर मोक्ष दिला सके।

भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ की मोतिहारी इकाई का हुआ गठन।

मोतिहारी /07.06.2017 नकुल कुमार/8083686563i.. #भारतीय_क्षेत्रीय_पत्रकार_संघ_के_मोतिहारी_इकाई_का_हुआ_गठन। चंपारण शताब्दी वर्ष के अवसर पर मोतिहारी गांधी संग्रहालय में आयोजित पुस्तक मेला में आज भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ के क्षेत्रीय इकाई का गठन किया गया । मालूम हो कि पटना एवं बिहार के अन्य जिलों में गठन के पश्चात आज मोतिहारी में भी भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ का गठन किया गया। दिल्ली से पधारे भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चंद्र भूषण जी ने पत्रकार संघ की स्थापना से लेकर आज तक के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ कोई ट्रेड यूनियन नहीं है बल्कि यह एक NGO है जिसका उद्देश्य सिर्फ प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक ही सीमित नहीं है अपितु जो फ्रीलांसर है, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव है, जिनमें लिखने की कला है, जिनमें विचार है, उन सबको भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ अपने परिवार में शामिल करके उन्हें पत्रकारिता में एक विस्तृत मंच प्रदान करता है। भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ के मोतिहारी इकाई के गठन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में दो प्

कभी सोचा ना था.......???

कभी सोचा न था, ऐसा दिन भी आएगा। लड़के गे और बेटियों संग बलात्कार, किया जाएगा । भाउकता बेची जाएगी, मूर्ख प्रेरक बन जाएगा । उत्तेजना चरम छू जाएगी, समाजिकता धरी रह जाएगी । नाजुक तन परोसा जाएगा , कपड़ा, तन चढ़ने को तरस जाएगा । बेटी अपनी हो जाएगी, घर-घर बहू जलाई जाएगी । मर्द नपुंसक हो जाएगा और , कम्प्यूटर बच्चा जनाएगा । तब राह गुजरती महिला को, घूर-घूर कर देखा जाएगा । तब लाल किले की प्राचीर से , एक मर्द दहाड़ लगाएगा । बेटी बचाओ का नारा , जोर शोर से लगाएगा । तब शर्मिन्दा होगा यह देश , जब घर-घर शौचालय हो , का आग्रह कर जाएगा । धन्यवाद।।