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चाटी माई मंदिर सिघिया हिब्बन मोतिहारी

नकुल कुमार/8083686563 #चाटी_माई_मंदिर_सिघिया_हिब्बन_मोतिहारी                         अध्यात्म का मनुष्य के जीवन में अलग ही महत्व हैं।और इस तरह का अध्यात्मिक माहौल अपने शहर के आसपास उपलब्ध हो तो फिर कहना ही क्या...?                मोतिहारी शहर से 3 किलोमीटर पश्चिम में बसे सिंधिया हिब्बनन के शमशान के बीचों बीच स्थित #चाटी_माई_मंदिर अपनेे आध्यात्मिक एवं दैविक चमत्कार के लिए प्रसिद्ध हैं।                किमवदंतियों के अनुसार पहले इसी श्मशान में एक भगत का घर था। उसने एक दिन सपना देखा कि सपने में कोई आकर उसे चांटा मार रहा है लेकिन उसने उस सपने पर ध्यान नहीं दिया। समय बीतता गया और समय के साथ-साथ उसका सपना अब वास्तविक ढंग से प्रत्यक्ष रुप से उसके साथ घटित होने लगा, और जो चांटा सपने में लगता था वह अब वास्तविक रूप में उसे लगने लगा। फिर 1 दिन सपने में कोई आया और उनको बताया कि अमुक जगह पर शक्ति स्थल स्थापित करे। और वह व्यक्ति उस जगह पर पहुंच कर एक शक्ति स्थल स्थापित किया और वही शक्ति स्थल आज देवी मां का मंदिर है।। चाटा मारने के कारण वे चाटी माई के नाम से प्रसिद्ध हुई।। तथा वह व्यक्ति ही चाटी माई क

Happy Birthday to you Dear Papa G

चरण आपकी छूलूं, करूं मैं वंदन बारंबार। सुख-दुख के दोनों तीरों पर, दिया है मुझको प्यार।। ऐसे मेरे मात पिता , अपना छोटा सा संसार।। चरण आपके छूलूं, करू मैं वंदन बारंबार ।। पढ़ा लिखा आपने हमको, दिया खुशी अपार।। आगे बढ़ रहे हैं हम, सब करलो थोड़ा और इंतजार।। चरण आपके छूलूं, करू मैं वंदन बारंबार ।। मेहनत लगन से लगे हम सब, ताकि खुशियों से पूर्ण हो संसार।। खूब कमाए खुश रखे आपको, बढ़ता रहे सबमें प्यार।। चरण आपके छूलूं, करू मैं वंदन बारंबार ।। एक दिन आपके लिए बहू लाएंगे, घर द्वार पोते-पोतियों से भर जाएंगे, रात भर जीन्हें लोरी सुनाकर, आप बाहों में उन्हें सुलाएंगे।। क्या खूब प्रेम के रिश्ते होंगे, होगा प्यारा अपना संसार।। चरण आपके छूलूं, करू मैं वंदन बारंबार । लेखक: नकुल कुमार फाउंडर: बचपन पढ़ाओ आन्दोलन N.T.C. CLUB MOTIHARI

दरिद्र नारायणों के बीच कंबल वितरण करके मनाया गया नया साल।

जहां एक और लोग जश्न जश्न मनाने में मगन है उन्हें दुनिया और दुनियादारी की कोई फिक्र नही वहीं दूसरी ओर संत श्री आसाराम जी बापू द्वारा प्रेरित संस्था श्री योग वेदांत सेवा समिति चोरमा मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार इकाई के सदस्यों ने गरीब लोगों के बीच कंबल वितरण किया। मालूम हो  कि इस समय चंपारण में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास है । एवं अन्य सुदूर क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जिससे सड़क किनारे गुजर बसर कर रहे गरीब लोग काफी ज्यादा प्रभावित हैं। श्री योग वेदांत सेवा समिति चोरमा मोतिहारी पूर्वी चम्पारण के सदस्यों ने कंबल वितरण करके समाज को एक संदेश देने की भी कोशिश की, कि हम नए साल को समाजिक सरोकार के रूप में समाज के गरीब लोगों की सहायता करके भी मना सकते हैं।।                कंबल लेने वाले  रमई पासवान ,सीताराम राय, तिलक पासवान ,जय पति देवी, शत्रु सहनी एवं अन्य असहाय लोगों के बीच  कंबल वितरण किया गया। इस अवसर पर दिलीप कुमार यादव, श्यामा केसरी ,शिवजी प्रसाद  उर्फ हरि ओम जी , राजकिशोर सिंह ,राजन सिंह ,विजय तिवारी, प्रमोद यादव ,बच्चा सिंह के अलावा अन्य गणमान्य लोग भी उपस

....इस वर्ष की अंतिम इच्छा............💐

क्या आप भी इन दोनों बच्चों की साल के अंतिम दिन की इच्छा पूरी करना चाहेंगे तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़िए 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 LKG & UKG मैं पढ़ने वाले इन दोनों बच्चों ने मिलकर #नकुल_सर के लिए #नए_साल_का_ग्रीटिंग_तैयार किया है। इन #दोनों_बच्चों_के_मेहनत लगन एवं सर के प्रति अन्नया प्रेम काबिल-ए-तारिफ हैं।                         इतना ही नहीं बच्चों ने सर से प्रॉमिस भी लिया कि 'सर हमारा यह ग्रीटिंग्स ऑफ इंटरनेट पर जरुर डालेगे। Facebook पर हम लोग देखेंगे कि कितना लाइक मिलता है.....? साल के अंतिम दिन उनकी अंतिम इच्छा को आज मैंने पूरी की। वैसे भी अंत भला तो सब भला। यदि आपको भी लगता हो की इन बच्चों की अंतिम इच्छा अधिक से अधिक लाइक प्राप्त करने की पूरी हो तो आप भी लाइक कर सकते हैं आप भी शेयर कर सकते हैं और पूरी कर सकते हैं किसी की अंतिम इच्छा ।। अपना क्या जाता है , यदि मेरे किसी काम से, किसी का काम बन जाता है जब किसी के चेहरे पर मुस्कान आता है।। बहुत-बहुत धन्यवाद के साथ मैं आप सबका #नकुल_कुमार #फाउंडर #बचपन_पढ़ाओ_आंदोलन  "बच्चा पढ़ेगा तभी देश बढ़ेगा" Founder & Di

..........यादों में 2017...👌...👍...💐

पुराने साल में जो गिले-शिकवे थे, उन्हें भुला देना सनम।। नए साल में, मोहब्बत की नई दास्तान लिखने की, एक आरजू है हमारी।। बहुत लड़ाई झगड़े हम, मोहब्बत भी तो हमने हीं की थी।। कुछ बेरुखी तुम्हारी, कुछ रुसवाइयां हमारी। अब उन्हें भुला दो सनम।। मोहब्बत की नई दास्तान लिखने की, एक आरजू है हमारी। तुम्हारा बेमतलब का मैसेज करना, और मेरा भी शायराना जवाब देना, तुम्हारी ओर इशारा करके, कविता की पंक्तियां बनाना , और उन पंक्तियों में तुम्हारा चित्रण करना। शायद तुम्हें पसंद भी था ना भी। उन शिकवे शिकायतों को भुलाकर, अब मुस्कुराओ सनम ।। मोहब्बत की नई दास्तान लिखने की, एक आरजू है हमारी।। 💐तुम्हारा💐 📝कवि हृदय: नकुल कुमार 📱8083686563

.........अच्छा है।

बस  तनहाई में कुछ लिख लेता हूं...📝,कुछ गा लेता हूं...🎤 कुछ गुनगुना लेता हूं... जाने क्यों जमाना मुझे आशिक समझता है... प्यास बुझाए जो अधजल गगरी नकुल की, तेरी भरी गगरी से मेरी अधजल गगरी अच्छा है। दिल ये मेरा, गुस्ताखियाँ करता है बार-बार, मिलकर समझाना इसे, अभी यह बच्चा हैं। मुझे दिखाने के लिए तुम जो "फेयर & लवली" लगाते हो, सच कहूं तो तुम्हारा कालापन, फेयर & लवली के गोरेपन से अच्छा है👯 तुम जो बार बार मेसेंजर देखकर ऑफलाइन हो जाते हो , मेरे मैसेज के लिए तुम्हारा यूं बेचैन रहना अच्छा हैं। तुम्हें रूठने और मुझे मनाने🙏 की आदत है, फिर तो तुम्हारा रूठना💔 ही अच्छा है। तुम जो रूठकर दूर-दूर रहते हो मुझसे, ये दूरी नजदिकियों से अच्छा है। कवि: नकुल कुमार

Dharmendra KR singh Kanpur UP India

#तुम्हे_दो_रोटी_खिलाकर तुम्हे दो रोटी खिलाकर तुमसे बहुत कुछ ले गए हम. तुम्हारा झोपड़ा झोपड़ा ही रहा महलों के हो गए हम. नीयत साफ़ थी बरकत ने किवाड़ खटखटाये झुर्रीदार हांथों ने रखा सिर पर हाथ, तो नन्ही मुस्कानों ने मेरे दिल के बाग़ सजाये. न मालूम कब दे देते हो अक्सर... हमने दुआओं का असर देखा है, वेश बदल बदल आती और सताती ज़िन्दगी का सफ़र देखा है. जाने कब समझोगे? तुम अपनी कमज़ोरियों पर खड़े महलों के राज को. तुम्हे बोलना नहीं आता तुम्हारे उत्थान की बात करने वाले, तुम पर राज करने वाले ही चुराते है तुम्हारी कमी, तुम्हारे दर्द और तुम्हारी आवाज़ को. रही होगी ज़रूर किसी ख़ुशी की तलाश अरसा पहले बढ़ चले कदम तुम्हारी ओर. बड़ी बड़ी महफ़िलों की शान देखी नही भाया उनका शोर. देखे तमाम दोहरे रंग. खुद को उनके नाकाबिल पाया नहीं सुहाए मुझे, कुछ ढंग. करना दुआ खुदा से 'धरम' के करम को वो इतना नवाज़ दें तुम्हे केवल पलते नही संवरते भी देख सकें हम तमाम दिलों को सेवा और समर्पण का वो, साज दें. आत्मकथ्य:  एक सत्य जो कौंधा मन में हिलोर मेरे मन की : धर्मेन्द्र Jgd जयहिन्द सत्यमेव जयते 7860501111 Dharmendra KR Singh SAHWES Sowi