चरण आपकी छूलूं,
करूं मैं वंदन बारंबार।
सुख-दुख के दोनों तीरों पर,
दिया है मुझको प्यार।।
ऐसे मेरे मात पिता ,
अपना छोटा सा संसार।।
चरण आपके छूलूं,
करू मैं वंदन बारंबार ।।
पढ़ा लिखा आपने हमको,
दिया खुशी अपार।।
आगे बढ़ रहे हैं हम,
सब करलो थोड़ा और इंतजार।।
चरण आपके छूलूं,
करू मैं वंदन बारंबार ।।
मेहनत लगन से लगे हम सब,
ताकि खुशियों से पूर्ण हो संसार।।
खूब कमाए खुश रखे आपको,
बढ़ता रहे सबमें प्यार।।
चरण आपके छूलूं,
करू मैं वंदन बारंबार ।।
एक दिन आपके लिए बहू लाएंगे,
घर द्वार पोते-पोतियों से भर जाएंगे,
रात भर जीन्हें लोरी सुनाकर,
आप बाहों में उन्हें सुलाएंगे।।
क्या खूब प्रेम के रिश्ते होंगे,
होगा प्यारा अपना संसार।।
चरण आपके छूलूं,
करू मैं वंदन बारंबार ।
लेखक:
नकुल कुमार
फाउंडर:
बचपन पढ़ाओ आन्दोलन
N.T.C. CLUB MOTIHARI
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