जहां एक और लोग जश्न जश्न मनाने में मगन है उन्हें दुनिया और दुनियादारी की कोई फिक्र नही वहीं दूसरी ओर संत श्री आसाराम जी बापू द्वारा प्रेरित संस्था श्री योग वेदांत सेवा समिति चोरमा मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार इकाई के सदस्यों ने गरीब लोगों के बीच कंबल वितरण किया। मालूम हो कि इस समय चंपारण में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास है । एवं अन्य सुदूर क्षेत्रों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जिससे सड़क किनारे गुजर बसर कर रहे गरीब लोग काफी ज्यादा प्रभावित हैं।
श्री योग वेदांत सेवा समिति चोरमा मोतिहारी पूर्वी चम्पारण के सदस्यों ने कंबल वितरण करके समाज को एक संदेश देने की भी कोशिश की, कि हम नए साल को समाजिक सरोकार के रूप में समाज के गरीब लोगों की सहायता करके भी मना सकते हैं।।
कंबल लेने वाले रमई पासवान ,सीताराम राय, तिलक पासवान ,जय पति देवी, शत्रु सहनी एवं अन्य असहाय लोगों के बीच कंबल वितरण किया गया। इस अवसर पर दिलीप कुमार यादव, श्यामा केसरी ,शिवजी प्रसाद उर्फ हरि ओम जी , राजकिशोर सिंह ,राजन सिंह ,विजय तिवारी, प्रमोद यादव ,बच्चा सिंह के अलावा अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।।
विद्या निकेतन के प्राचार्य डॉ दीनबंधु तिवारी जी का छात्रों के नाम संदेश..... स्वतंत्रता दिवस पूर्व संध्या विशेष
NTC NEWS MEDIA/MOTIHARI मोतिहारी मैं हिंदी माध्यम स्कूलों में विद्या निकेतन एक सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान के रूप में स्वयं को वर्षों से स्थापित किए हुए हैं और इसका सारा श्रेय इस विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दीनबंधु तिवारी जी को जाता है जिन्होंने 72 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर छात्रों के नाम संदेश प्रेषित किया है सर कहते हैं कि..... " 72वे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर मुझे यही कहना है कि आज के छात्र देश के भावी कर्णधार नागरिक बनेंगे उन्हें अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चुनाव कर पूरे लगन एवं मनोयोग से अध्ययन करना चाहिए जिससे हमारा देश का चतुर्दिक विकास हो आर्थिक वैज्ञानिक या टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारा देश अन्य सभी देशों से आगे बढ़े यह किसी एक आदमी के करने से संभव नहीं होगा बल्कि हम सभी की सहभागिता से संभव है । हम छात्रों को यही सुझाव देना चाहेंगे कि वह अपने मस्तिष्क को रिसर्च की तरफ प्रेरित करें परंपरागत शिक्षा से अलग हटकर व्यवसायिक शिक्षा की तरफ अपनी कदम बढ़ाए देश में बेरोजगारी दूर करने हेतु रोजगार उन्मुक्त शिक्षा की तरफ वह सब लोग प्रवृत्त हो हम किसी को भी वैज्
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