जहां एक और देखा गया है कि बहुत से छात्र पैसे के लिए अपने माता पिता को परेशान करते हैं यहां तक की घर की कोई कीमती वस्तु चोरी छिपे बेच देते हैं अथवा चोरी_करने जैसी घिनौनी घटना को अंजाम देते हैं। इतना ही नहीं बहुत से छात्र सड़क रोक रोक कर चंदा माँगते है एवं सरस्वती पूजा जैसी पवित्र पूजन पद्धति को बदनाम करते हैं। आप जरा स्वयं विचार करें कि क्या सरस्वती पूजा के नाम पर चंदा बटोरना,सड़क रोक-रोककर लोगों को परेशान करना, माता-पिता को परेशान करना एवं चंदे से एकत्रित राशि से नाच-गाना, धूम-धड़ाका करना एवं वास्तविक पूजन पद्धति से हटकर विभिन्न क्रियाकलापों को अंजाम देना....क्या वास्तव में यह सरस्वती पूजा है ? आखिर हम पूजन पद्धति का मजाक क्यों बना रहे हैं । ...
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं