बिहार में युवाओं की एक टीम "सेल्फी विद् ट्री" अभियान के माध्यम से कर रहे हैं पौधारोपण और पर्यावरण संरक्षण
आजकल बिहार में शादी,मुंडन,जनेऊ सहित अन्य प्रमुख मांगलिक उत्सवों का माहौल है।इस तरह के तमाम मांगलिक अवसरों पर बिहार के युवाओं की एक टीम विभिन्न जिलों में घूम-घूम कर शादी,मुंडन,जनेऊ,शादी के सालगिरह, जन्मदिन,विभिन्न महापुरुषों या स्वतंत्रता सेनानियों के जयंती हो या पुण्यतिथि,विभिन्न राष्ट्रीय त्योहार हो या क्षेत्रीय त्योहार हो,इस तरह के तमाम आयोजनों पर पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए "सेल्फी विद् ट्री" अभियान के माध्यम से महंगे गिफ्ट के बदले पेड़ गिफ्ट के रूप में भेंट करते हैं और तत्पश्चात पौधारोपण करते हैं या उनलोगों से करवाते हैं।टीम के सदस्यों के द्वारा वहां पर उपस्थित जन समूहों को भी इस तरह के आयोजनों पर पौधारोपण करने के लिए प्रेरित करते हैं।
बताते चलें कि बिहार के समस्तीपुर जिला के रोसड़ा प्रखंड के कुशवाहा टोल, ढ़रहा निवासी किसान श्री राम चरित्र महतो व गृहणी श्रीमती राम कुमारी देवी के बड़े पुत्र श्री राजेश कुमार सुमन को बचपन से ही पर्यावरण के प्रति गहरी लगाव था। इसलिए श्री सुमन पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए बचपन से ही अपने माता-पिता के निर्देशन में अपने जन्मदिन के अवसरों पर महंगे केक के बदले उसी पैसा का पेड़ खरीदकर पौधारोपण करते आ रहे हैं। सुमन जब 28 वर्ष के हुए थे,तो 28 विभिन्न प्रकार के फलदार और छायादार पेड़ अपने जन्मदिन पर लगाये थे। उसी पेड़ों में से एक वर्ष बाद यानि कि जब सुमन 29 वर्ष के हो गये तो एक अमरूद के पेड़ में 29 फल लगा।जब उनका ध्यान उस पेड़ के फलों पर गया तो उसी समय उन्होंने सोचा कि आज के युवा वर्ग बड़े-बड़े नेताओं और अभिनेताओं के साथ सेल्फी लेकर फेसबुक पर पोस्ट करते है, तो उन्होंने इससे हटकर पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संदेश देने के लिए उस पेड़ के साथ एक सेल्फी लेकर अपने फेसबुक पेज पर शेयर पर करने का मन बना लिया। तत्पश्चात उन्होंने सोचा कि क्यों न पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए एक अभियान चलाया जाय और जिसका नाम "सेल्फी विद् ट्री" अभियान दिया जाय।उसी समय श्री सुमन ने अपने पत्रकार मित्र श्री विकर्ण राज वर्मा जी से विचार-विमर्श करके इस अभियान को मूर्त रूप दिया।
उस दिन से श्री सुमन पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए "सेल्फी विद् ट्री" अभियान के माध्यम से अपने जन्मदिन और शादी के सालगिरह पर पौधारोपण करने के अलावे विभिन्न राष्ट्रीय व क्षेत्रीय त्योहारों के अवसर पर,विभिन्न महापुरुषों व स्वतंत्रता सेनानियों के जयंती हो या पुण्य जैसे आयोजन पर, प्रमुख दिवसों पर,मित्रों के जन्मदिन,मित्रों के शादी के सालगिरह,शादी,मुंडन,जनेऊ सहित अन्य प्रकार के तमाम मांगलिक अवसरों पर पौधारोपण करते हैं।
"सेल्फी विद् ट्री" अभियान के संस्थापक राजेश कुमार सुमन के अलावे पटना के पत्रकार श्री विकर्ण राज वर्मा,गांधीजी के कर्मभूमि मोतिहारी के किसान का लाल व बिहार पुलिस का जवान रामलाल प्रसाद,बेगूसराय जिले के खोदावन्दपुर के शिक्षक ओम शंकर कुमार,जमुई के प्रेम सिंह डांगी,दरभंगा के संजय कुशवाहा,रोसड़ा के प्रसिद्ध चिकित्सक राज भूषण चौधरी,
बेगूसराय के प्रीतम कुमार शाही,मोतिहारी के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त यूथ मोटिवेटर मुन्ना कुमार,समस्तीपुर के श्याम ठाकुर,रोसड़ा के प्रसिद्ध व्यवसायी कृष्ण कुमार लखोटिया,मोतिहारी के व्रज श्रीवास्तव व सत्येन्द्र गुप्ता,रक्सौल के आर्टिस्ट सुनिल कवि राज,समस्तीपुर के नीतीश कुमार,सतीश कुमार,मुकेश कुमार सुमन,संतोष कुमार,भारतीय रेलवें में टीटीई के पद पर कार्यरत अशोक कुमार,बिहार के सबसे युवा सरपंच अलौली(खगड़िया) निवासी रतन बिहारी जी,समस्तीपुर के युवा मूर्तिकार कुन्दन कुमार राय सहित अन्य दर्जनों युवा इस अभियान में शामिल हैं।ये तमाम युवा बिहार और बिहार से बाहर दूसरे राज्यों के विभिन्न शादी-समारोहों में वर-वधू को महंगे गिफ्ट के बदले पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए "सेल्फी विद् ट्री" अभियान के माध्यम से विभिन्न प्रकार के फलदार और छायादार पेड़ भेंट करते हैं और वर-वधू के हाथों पौधारोपण भी करवाते हैं। इसके अलावे विभिन्न मुंडन संस्कार,जनेऊ,जन्मदिन व शादी के सालगिरह पर पेड़ भेंट कर उनसे पौधारोपण करवाकर एक मिसाल प्रस्तुत किया जा रहा है।
अभियान के संस्थापक राजेश कुमार सुमन ने बताया कि शुरुआती दौर में विभिन्न शादी समारोहों में जब पेड़ लेकर जाता था तो लोगों का काफी उपहास का शिकार होना पड़ा तो सुमन ने ठान लिया कि लोग कितना भी उपहास क्यों न करें फिर भी हम पर्यावरण और पृथ्वी को बचाने के लिए इस अभियान को मूर्त रूप देकर ही सांस लेंगे।आज श्री सुमन जिस शादी,मुंडन,जनेऊ,शादी के सालगिरह,जन्मदिन पार्टी में अपने हाथों में दिखावटी कृत्रिम गिफ्ट के बदले प्राकृतिक गैस पेड़ लेकर पहुंचते हैं तो लोग सम्मान के नजरों से देखते हैं।मेरे हाथों में हरियाली का प्रतीक पेड़ देखकर भीड़ इकट्ठा हो जाता है और वे लोग पूछने लगते हैं कि गिफ्ट देने के लिए बहुत प्रकार का गिफ्ट हो सकता था लेकिन आपके दिमाग में पेड़ ही गिफ्ट के रूप में देने का विचार कैसे आया तो मैं लोगों को बताता हूँ कि हो सकता है जो गिफ्ट आप लेकर उनको भेंट करेंगे,हो सकता है उसी प्रकार गिफ्ट दर्जनों लोग दियें होंगें तो उनके लिए व्यर्थ हो जायेगा। इसलिए मैं इससे इतर पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए पेड़ गिफ्ट के रूप में भेंट करता हूँ। जो किसी भी व्यक्तियों के लिए अनावश्यक नही हो सकता है। पेड़ हमें शुध्द ऑक्सीजन के साथ-साथ फल,इमारती लकड़ी और छाया प्रदान करती है। कहा भी जाता है एक पेड़ 10 पुत्र के समान होता है।इतना सुनते ही अतिथियों और तमाम लोग सम्मान के नजरों से देखने लगते हैं । इस अवसरों पर तमाम अतिथियों को "सेल्फी विद् ट्री" अभियान के उद्देश्यों और मिशन के बारे में अवगत कराता हूँ तो वे लोग भी प्रेरित होकर पर्यावरण को बचाने के लिए प्राकृतिक गिफ्ट के रूप पेड़ भेंट करने के लिए तैयार हो जाते हैं और अधिक से अधिक पौधारोपण करने संरक्षण करने का भी बात कहते हैं।
अब तक बिहार के विभिन्न जिलों में इस अभियान के तहत हजारों की संख्या में पौधारोपण किया जा चुका है। अभियान के सभी सदस्य पौधारोपण करने के बाद बड़ा होने तक उसका देखभाल भी करते हैं। पिछले 22 अप्रैल को 2018 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अभियान के सक्रिय सदस्य बेगूसराय निवासी शिक्षक ओमशंकर कुमार अपनी शादी में पत्नी के साथ 101 पौधारोपण किया और 500 अतिथियों को पेड़ से सम्मानित कर समाज के लिए नजीर पेश किया।इसी प्रकार मोतिहारी के बिहार पुलिस जवान रामलाल प्रसाद नौकरी के दौरान जहाँ भी उनका पदस्थापना होता है,वहां-वहां पौधारोपण करके अपनी अमित छाप छोड़ जाते हैं।इसके अलावे चम्पारन में इस अभियान को एक आंदोलन के रूप में चम्पारन वासियों के बीच प्रस्तुत किया है।
इससे इतर "सेल्फी विद् ट्री" अभियान द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस,विश्व जल दिवस,विश्व पृथ्वी दिवस,वन दिवस व राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसरों पर आमजनों को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए जागरूकता हेतु साईकिल रैली,विचार-गोष्ठी,सेमिनारों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावे जल संरक्षण के लिए भी आमजनों को जागरूक किया जाता है। संस्थापक राजेश कुमार सुमन का कहना है कि अगर विश्व के तमाम देशों के लोग अपने-अपने जन्मदिन पर पौधारोपण करना शुरू कर दें तो प्रतिवर्ष 7 अरब से अधिक पौधारोपण हो सकता है।
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