हम वो आशिक़ हैं ( कविता) ✒
हम पायल के छनकार के आशिक़ नहीं।।
हम तो आशिक़ हैं,
जो कोयल के कुक में मदहोश होते हैं।
हम जखम खाने वाले नहीं,
जखम को प्यार की ताकत से।
भरने वाले आशिक़ हैं।।
छोड़ देती हैं लड़कियाँ,
उन गालिबो को,
जो दिखावा करते हैं।
हम वो आशिक़ हैं,
जो सच्ची आशिक़ि निभाते हैं।
दिल तोड़ना तो उनके लिए आसान है,
हमें तो दिलों को जोड़ने से फुरसत नहीं ।
हम वो आशिक़ हैं,
जो प्यार निभान जानते हैं ।
✒ * सुनिल कुमार कवि राज 📝
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