श्री सिंह ने कहा कि ये बजट देश के अन्नदाता को ऊर्जा-दाता बनाने के संकल्पित बजट है। मोदी सरकार शून्य बजट-खेती अर्थात उर्वरक एवं कीटनाशक के प्रयोग के बिना खेती के प्रोत्साहन के लिए काम कर रही है। बजट 2019-20 में इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। इस बजट में किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में ई-नाम से जोड़ने,वर्ष 2022 तक 1000 किसान उत्पादक संगठनों का निर्माण, फार्म उद्यमिता को प्रोत्साहन, 2 करोड़ किसानों को डिजिटल शिक्षा प्रदान करने एवं खेती में निवेश को बढ़ावा देने जैसी घोषणाऐं देश के अन्नदाता का जीवन स्तर सुधारने में अहम साबित होगी।
श्री सिंह ने कहा कि विगत 5 वर्षों में मोदी सरकार के प्रयासों से जिस तरह दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की है, उसी तरह तिलहन में भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जायेगा।उक्त बजट में देश के किसान की आय को बढ़ाने के लिए सब्जियों,फलों के साथ डेयरी और मत्स्य उत्पादों के विपणन तंत्र को मजबूत करने की घोषणा किसानों के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना एवं सहकारिता के माध्यम से डेयरी विकास जैसे कदम भी देश के अन्नदाता के सशक्तिकरण का काम करेंगे।
श्री सिंह ने कहा कि ये बजट देश को समृद्ध और जन-जन को समर्थ बनाने वाला बजट है। इस बजट से टैक्स व्यवस्था का सरलीकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण होगा। ये बजट उद्योगों को मजबूत बनाने के साथ देश के आम आदमी की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने वाला बजट साबित होगा।
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