पूर्वी चम्पारण। पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी राजा बाजार स्थित प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम) में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, महामहिम राज्यपाल, बिहार सरकार द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया.
इस दौरान महामहिम राज्यपाल ने कहा कि लोभ, अज्ञानता एवं अधिक उत्पादन के लालच में लोग रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का अंधाधुंध उपयोग कर इस धरती माता को अनेक समस्याओं से ग्रसित कर दिया है.
कहा कि वर्तमान परिस्थिति में कृषि आदानों के अविवेकपूर्ण प्रयोग ने बहुत सारी समस्याओं को परिलक्षित किया है, जिसके फलस्वरूप पंचमहाभूत भूमि, जल, वायु, अग्नि एवं अंतरिक्ष सभी प्रभावित हुए है. जिसका उदाहरण जलवायु परिवर्तन के रूप में दिखाई दे रहा है. पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण हेतु एक संतुलित एवं एकीकृत प्रयास की आवश्यकता है, इस दिशा में प्राकृतिक खेती का समायोजन एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.
वहीं पद्मश्री सुभाष पालेकर ने धरती माता के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने एवं कृषि लागत को कम करने के लिए खेती की कम लागत प्राकृतिक खेती को प्रकाश में लाया. कम लागत का मतलब गाँव का गाँव और शहर का पैसा भी गाँव में किसानों को कोई भी चीज शहर जाकर न खरीदनी परे इससे किसानों की लागत कम हो गई तो आय निश्चित बढ़ेगी, इसके साथ-साथ हमारा उत्पादन भी जहर मुक्त होगा.
सरकार रसायनिक उर्वरक की जगह प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. देश में प्राकृतिक खेती हेतु उपयुक्त पैकेज का निर्धारण, पारंपरिक खेती की तुलना में प्राकृतिक खेती द्वारा मृदा स्वास्थ्य, गुणवत्ता एवं फसल उत्पादन का विश्लेषण इत्यादि पर शोध भी प्रारम्भ हो गया है.
वैज्ञानिकों ने किसी जमाने में इस देश में लोगों को भूखमरी से बचाया था, अब लोगों को अस्वस्थ होने से बचाना होगा. वैज्ञानिक ही किसानों और देश का भाग्य विधाता है, इसलिए इस दिशा में आगे आएंगे तो सार्थक परिणाम मिलेंगे. इस खेती से जमीन की उर्वरशक्ति बचेगी, जल की बचत होगी, गौ-माता बचेगी, किसान ऋणी होने से बचेगा एवं बीमारी से मरने वाले लोग बचेंगे.
उक्त कार्यक्रम के अवसर पर विशिष्ट अतिथि राधा मोहन सिंह, स्थानीय सांसद व पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार, डॉ पुण्यव्रत सुविमलन्दु पांडेय, कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा बिहार, डॉ यू एस गौतम, उपनिदेशक कृषि प्रसार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, प्रमोद कुमार, स्थानीय विधायक सह पूर्व कानून मंत्री बिहार सरकार, श्याम बाबू यादव स्थानीय विधायक पिपरा, कृष्णानंदन पासवान विधायक हरसिद्धि, सुनील मणि त्रिपाठी विधायक गोविन्दगंज, डॉ अरविंद कुमार सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र पिपरा कोठी, जिले के किसान एवं केवीके के वैज्ञानिक उपस्थित थे.
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