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Rape is a mental illness

👉Rape is a mental illness Rape is a phenomenon occurring in the events occurring in our society, which is contaminated by the morale and violently influences the violent form of the gender, the same sex or the community. In which one side is prey to mental paralysis, the other suffers from the new condition stemming from that distortion. 👉 mental retardation Just imagine what might be the reason .... Will it not be called mental disorder and behind them all is just another reason. That is, porn videos seen on mobile. In which the females are born with the body and they are born of it, the deformity that wants to practice it, and it becomes pervasive and gives rise to incidents like rape. 👉Adultt It does not matter to being advertised that you got a license to watch Rape porn movies or girls got a license to rape them with rape. 👉 By the government Therefore, the government should go ahead in the direction of putting a complete curb on porn websites, as well as in cinemas, such porn

बलात्कार, एक मानसिक विकृति

                    हमारे समाज में आए दिन घटित होने वाली घटनाओं में बलात्कारभी एक ऐसी घटना है, जो दूषित मनोवृति से उपजती हैं एवं हिंसक रूप धारण करके अपने विपरीत लिंग, समान लिंग अथवा समुदाय को हिंसक रुप से प्रभावित करती है। जिसमें एक पक्ष मानसिक विकृति का शिकार होता है, तो दूसरा उस विकृति से उपजी नई स्थिति से पीड़ित होता है। 👉 मानसिक विकृति👈 जरा सोचिए कि आखिर क्या कारण हो सकते हैं....? क्या इसे मानसिक विकृति नहीं कही जाएगी और इन सब के पीछे सिर्फ और सिर्फ एक कारण है। वह है, मोबाइल पर देखी जाने वाली अश्लील वीडियोस। जिसमें महिलाओं के शरीर के साथ होते खिलवाड़ और उससे जन्म लेती है वह विकृति जो उस चीज को प्रेक्टिकली करना चाहती है और यह प्रेक्टिकली होना ही रेप जैसी घटनाओं को जन्म देती है।   👉एडल्ट👈 एडल्ट होने का यह कतई मायने नहीं है कि आपको रेप अश्लील फिल्में देखने का लाइसेंस मिल गया अथवा लड़कियों को छेड़ने उनके साथ बलात्कार करने का लाइसेंस मिल गया। 👉सरकार से👈 अतः सरकार को पोर्न वेबसाइटों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाने, साथ ही साथ सिनेमाघरों में भी पार्ट टाइम चलने वाले इस तरह के अश्लील

संगम नगरी इलाहाबाद से नकुल कुमार लाइव

अपने अब तक के जीवन के सफर में मैंने बहुत से आध्यात्मिक महत्व के तीर्थाटन किए हैं एवम बहुत सारी नदियों को पहाड़ों से निकलते एवं झड़ते देखा है। लेकिन आज पहली बार मैंने गंगा यमुना को आपस में मिलते देखा ।              एक तरफ #यमुना की शांत धारा, तो दूसरी तरफ #गंगा की तूफानी धारा। मानो की यमुना को चुनौती दे रही हो कि मैं बड़ी की तूम बड़ी ।। और मैंने देखा यमुना की धारा नीचे की ओर घुसते जा रही थी और गंगा की धारा ऊपर से चढ़ती जा रही थी और फिर दोनों समाहित हो कर एक अन्य दिशा में बहने लगी। बिल्कुल अद्भुत नजारा था। #संगम नगरी #प्रयागराज, #इलाहाबाद का ।।                  और मुझे उस में स्नान करने का मौका मिला । मैंने सात डुबकी लगाई ।किंवदंतियों के अनुसार इससे सात जन्म के पाप धुल जाते हैं एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है । #कल_जया_एकादशी_है (27-28) एवं दशमी को गंगा में स्नान करके एकादशी करने से जन्म जन्म के पाप धुल जाते हैं एवं एवं देवता प्रसन्न रहते हैं । वह रीती रिवाज मैंने भी निभाई।। #एकादशी_मैं_भी_करता_हूं।।            माघ महीने का मेले का अंतिम पड़ाव चल रहा है 31 जनवरी तक माघ मेला चलेगा । निश्चित

मोतीझील मोतिहारी से Nakul Kumar लाइव

                     जी हां आप सही देख एवं पढ़ रहे हैं । जैसा कि पुलिस प्रशासन की तरफ से गायत्री मंदिर घाट के पास विसर्जन का व्यवस्था की गई थी। तो वही कुछ नाविक मदरसे के सामने अथवा अन्य जगहों से जान जोखिम में डालकर नाव पर मूर्ति विसर्जन करने लगे। इतना देखते ही बिहार पुलिस का जवान दौड़ पड़ा और तब तक नाविक नाव पर मूर्ति लेकर दरिया के बीचो-बीच पहुंच चुका था। पुलिस वाले ने उसे वॉर्निंग दी।इससे जान माल की क्षति हो सकती है ।                    खैर मूर्ति विसर्जन से मोती झील में बहुत ही ज्यादा कचरा पसर गया है । नगर परिषद के लिए यह सिरदर्द जैसा है, कि अब नए सिरे से मोती झील की साफ सफाई एवं कचरा को किस तरह से निकाला जाए ताकि फिर से मोतीझील मछलियों के लिए अच्छे आवास के रूप में प्राप्त हो सकें। हिंदू धर्म एवं मान्यताओं के अनुसार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरे विधि विधान के साथ पूजन की जाती है एवं उसके बाद प्रतिमा का विसर्जन का विधान है । प्रतिमा को पानी या जल स्रोत में ही विसर्जन इसलिए किया जाता है क्योंकि प्रतिमाएं मिट्टी की बनी होती है और मिट्टी मिट्टी में समाहित हो जाएं जिससे जल प्रदूष

मोतीझील मोतिहारी से नकुल कुमार'लाइव

                     जी हां आप सही देख एवं पढ़ रहे हैं । जैसा कि पुलिस प्रशासन की तरफ से गायत्री मंदिर घाट के पास विसर्जन का व्यवस्था की गई थी। तो वही कुछ नाविक मदरसे के सामने अथवा अन्य जगहों से जान जोखिम में डालकर नाव पर मूर्ति विसर्जन करने लगे। इतना देखते ही बिहार पुलिस का जवान दौड़ पड़ा और तब तक नाविक नाव पर मूर्ति लेकर दरिया के बीचो-बीच पहुंच चुका था। पुलिस वाले ने उसे वॉर्निंग दी।इससे जान माल की क्षति हो सकती है ।                    खैर मूर्ति विसर्जन से मोती झील में बहुत ही ज्यादा कचरा पसर गया है । नगर परिषद के लिए यह सिरदर्द जैसा है, कि अब नए सिरे से मोती झील की साफ सफाई एवं कचरा को किस तरह से निकाला जाए ताकि फिर से मोतीझील मछलियों के लिए अच्छे आवास के रूप में प्राप्त हो सकें। हिंदू धर्म एवं मान्यताओं के अनुसार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरे विधि विधान के साथ पूजन की जाती है एवं उसके बाद प्रतिमा का विसर्जन का विधान है । प्रतिमा को पानी या जल स्रोत में ही विसर्जन इसलिए किया जाता है क्योंकि प्रतिमाएं मिट्टी की बनी होती है और मिट्टी मिट्टी में समाहित हो जाएं जिससे जल प्रदूष

सरस्वती पूजा को सरस्वती पूजा ही रहने दें इसे विकृत ना करें

                       जहां एक और देखा गया है कि बहुत से छात्र पैसे के लिए अपने माता पिता को परेशान करते हैं यहां तक की घर की कोई कीमती वस्तु चोरी छिपे बेच देते हैं अथवा चोरी_करने जैसी घिनौनी घटना को अंजाम देते हैं। इतना ही नहीं बहुत से छात्र सड़क रोक रोक कर चंदा माँगते है एवं सरस्वती पूजा जैसी पवित्र पूजन पद्धति को बदनाम करते हैं।                        आप जरा स्वयं विचार करें कि क्या सरस्वती पूजा के नाम पर चंदा बटोरना,सड़क रोक-रोककर लोगों को परेशान करना, माता-पिता को परेशान करना एवं चंदे से एकत्रित राशि से नाच-गाना, धूम-धड़ाका करना एवं वास्तविक पूजन पद्धति से हटकर विभिन्न क्रियाकलापों को अंजाम देना....क्या वास्तव में यह सरस्वती पूजा है ? आखिर हम पूजन पद्धति का मजाक क्यों बना रहे हैं ।                         दूसरी ओर जब सरस्वती माता के मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। उस समय अश्लील भोजपुरी गाने बजाकर डांस करना,चलते हुए राहगीरों को जबरदस्ती अबीर लगाना ,,,,यह हमारी वास्तविक सरस्वति पूजा नहीं हो सकती।                           वास्तविक सरस्वती की साधना यही कहती है कि हम उन सभी पद्धतियों

नेपाली टैंकर दुर्घटनाग्रस्त..........

टैंकर पलटा डीजल का तेजी से हो रहा रिसाव, चालक घायल रामगढ़वा से अफ़ज़ल आलम की रिपोर्ट रामगढ़वा। बुधवार को अहले सुबह रामगढ़वा रेलवे ढाला के पास डीजल लदा नेपाली टैंकर गढ़े में जा गिरी। पलटने से टैंकर का ढक्कन खुल जाने से बड़ी तेजी से डीजल  गिर रहा है।इतनी तेजी से डीजल का रिसाव होना किसी बड़ी घटना को दावत दी रहा है। इस रिसाव से कोई बड़ी घटना भी हो सकती है । और पास ही रेलवे ढाला भी है।। बताया जाता है कि ना5 ख 2638 नम्बर की नेपाली टैंकर जो बरौनी से तेल ले कर काठमांडू जा रहा था। कि रेलवे ढाला के पास एक पुल है जिसके बाएं तरफ एक ट्रेक्टर ढाला लगा हुआ था उसी के दाहिने साइड से निकालने के क्रम में उक्त टैंकर पलट गया जिसमें कुमार लामा नामक चालक जो नेपाल का ही है ओ घायल होगया।। स्थानीय लोगों ने उसे निकाल कर अस्पताल पहुंचाया। यहाँ बता दें कि रेलवे ढाला के पास जो पुल है उस पर कोई रेलिंग भी नही है जिस से चालक को कभी कभी ये भी समझ नही आता कि यहाँ पुल है या रोड और इस वजह से घटना हो जाती है।और यह टैंकर भी यही पे पलटी है।अभी कुछ ही दिन पहले अमीदेई के पास ऐसे ही एक टैंकर पलटा हुआ था उसमें से भी तेल का रिसाव हो रहा थ