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भाग 02 WhatsApp ने लगाया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश

📝क्या है बदलाव जरा समझिए.... अब सेटिंग में आपको 3 ऑप्शन मिलेंगे ...।... (I) edit group info (II) send messages (III) edit group admins (I) edit group info इस ऑप्शन में जाकर आप ग्रुप के सब्जेक्ट आइकन और डिस्क्रिप्शन को नियंत्रित कर सकेंगे वहां आपको दो ऑप्शन मिलेंगे पहला (a) All Participants- जिस पर क्लिक करके आप ग्रुप में फोटो, ग्रुप का नाम, उसका डिजाइन कोई भी चेंज कर सकेंगे. अब तक ऐसा ही होता रहा है जैसे ग्रुप किसी और ने बनाया एडमिन उसके अलावा भी कोई और है लेकिन अब तक फोटो नाम कोई भी चेंज कर सकता था किंतु इस दूसरे ऑप्शन के आने के बाद वह ऐसा नहीं कर सकेंगे पढ़िए इस (b)ऑप्शन को b) Only Admins- इस ऑप्शन को सिलेक्ट करने का मतलब है कि इस ग्रुप में सिर्फ एडमिन ही किसी तरह का कोई चेंजिंग कर सकते हैं इसके अलावा ग्रुप के कोई भी मेंबर ग्रुप के फोटो डिजाइन अथवा नाम में किसी भी तरह का कोई परिवर्तन नहीं कर सकेंगे । बहुत बार देखने में आता है कि किसी खास को जिससे ग्रुप बनाया गया आता है जिसमें उस से संबंधित थी फोटो लगाए गए रहते हैं किंतु ग्रुप मेंबरस अपनी सहुलियत के  हिसाब से कभी-कभी फोटो बदलकर अपना

भाग 01 WhatsApp ने लगाया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश

                                        मशहूर सोशल साइट Whatsapp आजकल बदलाव के दौर से गुजर रहा है लेकिन बदलाव करते करते WhatsApp में कब लोकतंत्र का गला घोट दिया शायद ही उसे इसका आभास हो....???         ☺मामला क्या है?☺                                 मालूम हो कि WhatsApp में ग्रुप में बहुतायत अनवांटेड मैसेज को नियंत्रित करने के लिए उद्देश्य से सेटिंग में बदलाव किया है जिसके तहत पूरे ग्रुप में सिर्फ एडमिन ही मैसेज भेज सकता है एवं उस पर सकारात्मक अथवा नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकता है इसके अलावा ग्रुप के अन्य सदस्य केवल उस मैसेज को पढ़ भर ही सकते हैं इसके अलावा उस पर अच्छी या बुरी किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैंममममममममचणमणमणमक्षक्ष        📝ऐसा क्यों किया........?📝 WhatsApp फालतू एवं अविश्वसनीय सूचनाओं का सबसे बड़ा सोशल साइट बन गया था जिससे अन्य सोशल साइट की तुलना में WhatsApp की किरकिरी होने लणमणणणगी थी इतना ही नहीं यह विभिन्न तरह के अफवाह एवं झूठी सूचना के क्षणिक प्रचार धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का एक माध्यम भर बन गया था जिसका सकारात्मक प्रभाव के साथ साथ नकारात्मक प्र

जिंदगी..... कवि योगेन्द्रनाथ शर्मा

जिन्दगी बीती अबस कुछ धूप में कुछ छाँव में भटकते हम रह गये कुछ शहर में कुछ गाँव में ! धूल-पत्थर पर घिसे तलवे मगर निकला न उफ ठहर कर चुनने लगे काँटे चुभे   जो   पाँव  में  ! हँस दिया जब फबतियाँ  हमको जमाने से  मिलीं आज तक मरहम लगा पाया न दिल के  घाव  में  ! हौसला  तो  था  समन्दर लाँघ  जायेंगे     मगर फकत थोडी़  दूर जा कर  छेद  देखा    नाव में  ! फर्क  अपने में - पराये में न  कर  पाया   कभी जो  मिला  उसका  हुआ इस ठाँव या उस ठाँव में! मैं बदलते मौसमों  का  तो  मजा  लेता   रहा पर न पाया  ढाल खुद को गिरगिटी  बदलाव में  ! उम्र  गुजरी  और बाकी  भी गुजर ही  जायगी आखिरी  तक रह गया 'योगेन्द्र' अपने भाव  में ! **********22-  06- 2018************ contact for advertisment and more Nakul Kumar 8083686563 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 📝आप पढ़ रहे हैं NTC CLUB MEDIA Blog  Contact NAKUL KUMAR  📞8083686563 📝ntcclubmedia@gmail.com✍www.ntcclubmedia.com http://nakulkumar8083686563.blogspot.com http://ntcnewsmedia.blogspot.com 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 ................................

बिहार पॉलिटेक्निक एवं पारामेडिकल प्रवेश परीक्षा में ज्ञानपुॅज स्टडी सेंटर की धूम 

:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: बिहार पॉलिटेक्निक, पारामेडिकल प्रवेश परीक्षा परिणाम में स्थानीय ज्ञानपुॅज स्टडी सेंटर, मेघौल, खोदावंदपुर, बेगूसराय मे तैयारी कर रहे छात्र - छात्राओं ने धूम मचा दी  कुल 24 छात्र - छात्राओं का चयन पॉलिटेक्निक एवं पारामेडिकल परीक्षा मे हुआ । सभी चयनित छात्र-छात्राओं को समारोह पूर्वक मिठाई खिलाकर एवं माला पहना कर अभिनंदन किया गया । अभिनंदन समारोह के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षक श्री योगेश्वर महतो ने कहा कि सच्ची लग्न और मेहनत से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है । समारोह को संबोधित करते हुए बी एस एस क्लब रोसड़ा के संस्थापक राजेश कुमार सुमन जी ने कहा कि आपके अंदर प्रतिभाओं की कमी नही है जरूरत है इसे निखारने की ,जिससे लोग आपकी प्रतिभा से परिचित हो सके ।समारोह को शिक्षक आलोक जी, गौरव जी, बजरंग दल के प्रखंड संयोजक जी पी सिंह संबोधित किये । साथ ही साथ छात्र गौतम, अंकित एवं छात्रा विनिता,  प्रियंका, एवं किरण ने भी अपनी भावनाओ को व्यक्त की ।  सफल छात्र -छात्राओं में खोदावंदपुर प्रखंड अंतर्गत मेघौल गाँव से  निधि भारती एवं पुष्पम कुमारी, का चयन पारामेड

पहली बूंद..... कवयित्री डॉ. मधुबाला सिन्हा

दग्ध हृदय की तपन क्लांत चेहरे की थकन विकृत मुखमण्डल लिए दरवाजे के बीच फँसी रही धरा  शून्य में निहारती शायद  उसे था किसी का इंतजार। देखकर उसकी बेचैनी,बेबसी,तड़प रो उठा अम्बर तार तार हो उठा हृदय कर उठा वह क्रंदन तड़प उठा निहाल करने को  धरा के आँचल में मुँह छुपाने को लरजते होंठो की प्यास बुझाने को और धरा------- जेठ की दुपहरी से त्रस्त तृप्त हो उठी । मिल गयी साँसों को आस जब------ अम्बर से उतर मिल गए उसके प्रियतम खिल गए बगिया के फूल महक उठी सोंधी खुशबू तब--- मचल उठी धरा फैला कर अपनी बाँहें थामने को वर्षा की उन, पहली बूँदों को ************** कवित्री  :- डॉ मधुबाल सिन्हा 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿  for advertisment and more Nakul Kumar 8083686563 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 🌴🌴🌴 आप पढ़ रहे हैं  NTC CLUB MEDIA BLOG  CONTACT:-  NAKUL KUMAR  📞8083686563 📝ntcclubmedia@gmail.com✍www.ntcclubmedia.com http://nakulkumar8083686563.blogspot.com http://ntcnewsmedia.blogspot.com 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝

ऐ जिंदगी......... सत्येंद्र मिश्रा

 MOTIHARI JULY 03 2018 NTC CLUB MEDIA 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 आहिस्ता  चल  जिंदगी,अभी कई  कर्ज  चुकाना  बाकी  है कुछ  दर्द  मिटाना   बाकी  है कुछ   फर्ज निभाना  बाकी है  🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿                    रफ़्तार  में तेरे  चलने से                    कुछ रूठ गए कुछ छूट गए                    रूठों को मनाना बाकी है                    रोतों को हँसाना बाकी है 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए उन टूटे -छूटे रिश्तों के जख्मों को मिटाना बाकी है 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿                     कुछ हसरतें अभी  अधूरी हैं                     कुछ काम भी और जरूरी हैं                     जीवन की उलझ  पहेली को                     पूरा  सुलझाना  बाकी     है 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 जब साँसों को थम

दुख के कपड़े चेंज करूँगा : गुलरेज शहजाद

NTC CLUB MEDIA / 02 JULY 2018  फैला रखी है क़ुदरत ने मंज़र की दोशीज़ा चादर बूढ़ी धरती इस मौसम में अपनी जवानी काट रही है तोहफ़े में बूढी धरती को मंज़र क्या खुशरंग मिले हैं सागर तट पर पाम खड़ा है मौज में अपनी बांहें खोले और ज़मीं पर नर्म-मुलायम सब्ज़ा की क़ालीन बिछी है गुलमोहर के अंगारों पर अपनी आंखें सेंक रहा हूँ दरिया की अंगड़ाई मन में टूट रही है पेड़ों ने पौधों ने अपना सूखा लिबास उतार दिया है हर मंज़र धोया-मांजा है जैसे सब कुछ नया नया है नये कंवारे इस मौसम में मन से मायूसी की पपड़ी अलग करूँगा खुरच-खुरच के उम्मीदों की चाक पे चढ़ के नया बनूँगा दुख के कपड़े चेंज करूँगा                         ००० © गुलरेज़ शहज़ाद 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 📝आप पढ़ रहे हैं NTC CLUB MEDIA ब्लॉगर और मैं हूं  NAKUL KUMAR 📞8083686563📝ntcclubmedia@gmail.com✍www.ntcclubmedia.com http://nakulkumar8083686563.blogspot.com http://ntcnewsmedia.blogspot.com 📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝📝 .................................................................................. 🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥🎥 👉Vide