Nakul Kumar के बचपन के अंग्रेजी के शिक्षक Shree Arvind Shara sir बचपन की यादें जितना जितनी सुहावनी होती है उतना शायद ही जीवन का कोई और दौर हो । कवियों से लेकर लेखकों तक सभी ने अपने गीतों में बचपन और उसके सुहावने दौर की व्याख्या अवश्य ही की है । बचपन हर दम से सुहाना होता है.........यह गीत कोई कैसे भूल सकता है । इतना ही नहीं ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह ने भी अपने गजलों में बचपन का सजीव चित्रण किया है जगजीत सिंह गाते हैं कि.... यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो। भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी, मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन, वो कागज की कश्ती वह बारिश का पानी। हिंदी मीडियम के बच्चों के लिए अंग्रेजी सीखना और वह भी किसी के गाइडेंस में अपने आप में कागज की मिसाइल अंतरिक्ष में पहुंचाने जैसा है ...
क्योंकि सच एक मुद्दा हैं