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बहुप्रतिक्षित मुलाकात

बहुप्रतिक्षित मुलाकात

                दोस्तों हमारे जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएं घटित होती है जिसके विषय में हम पहले से कभी सोच भी नहीं सकते थे लेकिन घटनाएं अचानक से घटती हैं और जो भी होता है अच्छा ही होता है अच्छे के लिए ही होता है और भविष्य में उसका परिणाम अच्छा ही होने वाला होता है
ऐसी ही एक घटना घटी मेरे साथ घटीत हुई । हुआ यूं कि पत्रकार नकुल कुमार और उपेंद्र प्रसाद यादव जी पिछले 2 वर्षों से एक दूसरे से Facebook के संपर्क में थे।  Facebook के द्वारा हम दोनों के विचारों का आदान प्रदान हुआ हमारे और उपेंद्र प्रसाद यादव जी के बीच भावनाओं का गठजोड़ इस तरह से हुआ की आज हम लोग Facebook की काल्पनिक दुनिया से परे वास्तव में एक दूसरे से मिले एवं अपने विचार, अपनी भावनाएं शेयर किए यह एक अद्भुत क्षण था हमारे लिए।

               आज जब मैं अपने Facebook फ्रेंड उमेश प्रसाद यादव जी के गांव इटवा पंचायत पहुंचा तो सारी स्मृतियां ताजी हो गई। क्योंकि वर्षों तक  मेरा जिला पंचायत के मित्रों से  भावनात्मक  लगाओ  रहा है और  मैं आपको बता दूं  कि सिरहा पंचायत और इटवा पंचायत एक दूसरे के ऑपोजिट हैं और बरसों से मैं सीरहा पंचायत के विभिन्न सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता रहा हूं लेकिन कभी भी उपेंद्र प्रसाद यादव जी से मिलने बातचीत करने का शुभ अवसर प्राप्त नहीं हुआ था।

संयोगवश आज ऐसी स्थिति बन गई की हम दोनों न सिर्फ मिले ही नहीं अपितु विभिन्न विषयों पर बातचीत हुई एवं सकारात्मक शक्तियों के मिलन के साथ  ही नए उद्देश्यों के लिए नए वातावरण का निर्माण हुआ।

मालूम हो कि उपेंद्र प्रसाद यादव जी अपने क्षेत्र में समाज के विकास के लिए विभिन्न प्रकार के  कार्यक्रम  चला रहे हैं खासतौर से शैक्षणिक जागृति के दिशा में विशेष रूप से कार्य कर रहे हैं इसके लिए उन्होंने अपने बहुमूल्य जमीन सरकारी विद्यालय के भवन निर्माण के लिए डोनेट कर रखा है जिसमें इटवा हाई स्कूल के दो मंजिला भवन का निर्माण हुआ है और उस क्षेत्र के बच्चे इससे लाभांवित  हो रहे हैं।

                        उस क्षेत्र में बहुत सारे लोग हैं लेकिन सामान्य लोग अपने जमीन का प्रयोग खेती करने के लिए करते हैं अथवा अन्य आर्थिक उद्देश्य लाभ प्राप्ति के लिए करते हैं वही इन्होंने अपनी जमीन को शैक्षणिक गतिविधि का केंद्र बनाकर न सिर्फ आज के लिए ही बल्कि युगो युगो तक अपने क्षेत्र के शैक्षणिक बौद्धिक एवं सामाजिक उन्नति पृष्ठभूमि तैयार कर दी है। कहा भी गया है कि अन्न दान, वस्त्र दान अथवा भूदान यह तो कुछ समय के लिए होते हैं जो समय के साथ नष्ट हो जाते हैं लेकिन विद्यादान जो होता है वह युगों-युगों के लिए होता है क्योंकि यही ज्ञान एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचता है जो अनश्वर होता है।

भविष्य में कभी भी  नई पीढ़ी द्वारा इटावा गांव के शैक्षणिक इतिहास को जब भी खंगाला जाएगा उस समय उपेंद्र प्रसाद यादव जी के परिवार के इस योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा एवं आने वाली पीढ़ी को इससे सीख मिलेगी एवं समाज के द्वारा युगो युगो तक इसकी भूरी भूरी प्रशंसा की जाएगी।

जब मैं इनके घर पहुंचा है इस समय मेरा स्वागत अपने प्रांगण में लगे दशहरी आम के पेड़ से निकले ताजा आम से हुआ। मैंने भी स्वाद चखा बड़ा आनंद आया और यह स्वाद परस्पर हम दोनों के व्यवहार में भी चुका था।

इसके अलावा मैंने वहां देखा की इन्होंने अपने घर घर के एक तरफ साप्ताहिक प्रार्थना के लिए एक चर्च का निर्माण कर रखा है जिसमें प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है जिसमें गांव के लोग शामिल होते हैं एवं इसके माध्यम से यीशु मसीह के बताए रास्ते पर चलकर उनके ज्ञान की किताब नया नियम से लाभान्वित होते हैं एवं अपना आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास करते हैं।

जीवन में उन्नति के लिए श्री पढ़ाई-लिखाई की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उस पढ़ाई-लिखाई का सदुपयोग करने के लिए हमें आध्यात्मिक रूप से उन्नत होने की भी आवश्यकता है क्योंकि यही आध्यात्मिक ज्ञान हमें समाज में जाकर निस्वार्थ रूप से कार्य करने की हमें प्रेरणा जागृत करता है। जिस क्षण हमने समाज के विकास की प्रेरणा जागृत हो जाती है हमारा जन्म का उद्देश्य पूरा हो जाता है एवं हमारा जन्म सफल हो जाता है
                  इस प्रकार हमने देखा कि हमारे Facebook मित्र उपेंद्र प्रसाद यादव जी विभिन्न शैक्षणिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्यों के माध्यम से समाज सेवा के लिए कृतसंकल्पित हैं और अपने एक पुत्र अपनी पत्नी के साथ अपने क्षेत्र के विकास के लिए निस्वार्थ रूप से कार्य कर रहे हैं ।

उपेंद्र प्रसाद यादव जी आप से हमारी जो बहुप्रतीक्षित मुलाकात हुई या निश्चित रूप से भविष्य में सामाजिक शैक्षणिक आध्यात्मिक एवं बौद्धिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी आपने जो अपने परिवार के सदस्य सीताराम मेरी मेजबानी की मुझे जो प्यार और सम्मान दिया इसके लिए आपको ह्रदय की अनंत गहराइयों से  कोटि-कोटि धन्यवाद

NTC CLUB MEDIA क्लब मीडिया आपके इस सामाजिक विकास के निस्वार्थ सेवा भाव को सलाम करता है

https://youtu.be/Upw3OrwPFGA

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डांस के क्षेत्र में कामयाबी के बाद अब फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में भी अपना जलवा बिखेर रही हैं अनुमति सिंह

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जब कलेक्टर के साथ स्कूल पहुँची खुशी... पढ़िए रितु साहू की रिपोर्ट

जेल में 6 साल से बेगुनाही की सजा काट रही खुशी का हुआ इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन, कलेक्टर के साथ स्कूल पहुँची खुशी बिलासपुर (छग) जब एक पिता अपनी बेटी को खुद से विदा करता है तब दोनों तरफ से सिर्फ आंसू ही बहते हैं। आज बिलासपुर केंद्रीय जेल में ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जेल में बंद एक सजायफ्ता कैदी अपनी 6 साल की बेटी खुशी( बदला हुआ नाम) से लिपटकर खूब रोया। वजह बेहद खास थी। आज से उसकी बेटी जेल की सलाखों के बजाय बड़े स्कूल के हॉस्टल में रहने जा रही थी। करीब एक माह पहले जेल निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ संजय अलंग की नजर महिला कैदियों के साथ बैठी खुशी पर गयी थी। तभी वे उससे वादा करके आये थे कि उसका दाखिला किसी बड़े स्कूल में करायेंगे। आज कलेक्टर डॉ संजय अलंग खुशी को अपनी कार में बैठाकर केंद्रीय जेल से स्कूल तक खुद छोड़ने गये। कार से उतरकर खुशी एकटक स्कूल को देखती रही। खुशी कलेक्टर की उंगली पकड़कर स्कूल के अंदर तक गयी। एक हाथ में बिस्किट और दूसरे में चॉकलेट लिये वह स्कूल जाने के लिये सुबह से ही तैयार हो गयी थी। आमतौर पर स्कूल जाने के पहले दिन बच्चे रोते हैं। लेकिन खुशी आज बेहद खुश

भगवान से कम नहीं है.....इमरजेंसी वाले डॉक्टर साहब

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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ थीम पर संपन्‍न हुआ न्‍यू बूगी - बूगी ऐकेडमी का वार्षिकोत्‍सव

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