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क्या मदद करके फंस गए थे...चम्पारण के अजय सिंह.....???

NTC CLUB MEDIA/MOTIHARI
17.07.2018

जाके राखो साइयां मार सके ना कोई....... 

जी हां यह पंक्तियां मोतिहारी के पूर्व वार्ड पार्षद अजय सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है अब प्रश्न उठता है कि अजय सिंह ने ऐसा क्या किया है तो आइए हम बताते हैं अजय सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी।

हुआ यूं कि अजय सिंह मुजफ्फरपुर से मोतिहारी आ रहे थे इसी क्रम में पानापुर के पास में पहुंचे ही थे कि अचानक से उन्होंने देखा कि एक लापरवाह बस चालक 2 स्कूली बच्चों को रौंदकर भागने लगा अजय सिंह अपनी गाड़ी से थे वे चाहते हैं तो बस वाले का पीछा करके उसको पकड़ सकते थे किंतु बस वाला तब तक भाग चुका था बच्चे सड़क पर दर्द के मारे करा रहे थे कोई उन बच्चों की सहायता करने वाला नहीं था यह सब कुछ अजय सिंह से देखा नहीं गया एक तरफ अजय सिंह अपने भाई को निहारते जो उनके साथ बैठा हुआ था तो भाई इनको निहारता दोनों का हृदय पिघला और उन्होंने बच्चों को उठाया और घायल बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचाया।

तब तक बच्चों के परिजनों को भी इसकी सूचना दे दी गई थी परिजन पहुंचते ही सारा का सारा आरोप अजय सिंह पर ही मरती है कि कि हमारे बच्चों का एक्सीडेंट किसी दूसरी गाड़ी से ना होकर अजय सिंह की गाड़ी से ही हुआ है इसलिए अजय सिंह पर कार्रवाई होनी चाहिए यहां तक कि परिजनों ने इतना बवाल किया कि आसपास के 1000 से ज्यादा लोग एकत्रित हो गए भीड़ इतनी बढ़ गई कि कुछ भी हो सकता था 

बकौल अजय सिंह भीड़ हमें पकड़कर पीट सकती थी सामूहिक भीड का हम शिकार हो सकते थे लेकिन ईश्वर की कृपा थी माता पिता का आशीर्वाद रहा जीवन में अच्छा सोच और अच्छा कर्तव्य रहा कि आज उसकी अच्छाई की कमाई काम आ गई और घायल बच्चों को होश आया बच्चों ने पहचाना और कहां की जिस गाड़ी से उनका एक्सीडेंट हुआ है वह गाड़ी वाला भाग गया और अजय सिंह और उनके भाई ने हमारी सहायता की है हमें घायल अवस्था में हॉस्पिटल पहुंचाया है अगर यह दोनों भाई ना होते सही समय पर हमें हॉस्पिटल ना पहुंचाते हैं तो हम जीवित ना होत बच्चों का इतना कहना ही था कि घरवाले जो अजय सिंह व एवं उनके भाई पर बच्चों के एक्सीडेंट कराने का आरोप लगा रहे थे शर्म से गड़ गए एवं धन्यवाद के साथ क्षमा भी मांगी।
तब जाकर अजय सिंह एवं उनके भाई की जान में जान आई आने के क्रम में अजय सिंह सोचने लगे आखिर क्यों किसी एक्सीडेंट पीड़ित की सहायता नहीं करता...?

इस घटना की सारी बातें अजय सिंह ने अपने Facebook पोस्ट पर लिखा आइए हम पढ़ते हैं उन्होंने अपने Facebook पोस्ट पर क्या लिखा......

अपनी आप बीती आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूं , 3 घंटा पहले लगभग 4:00 बजे  मुजफ्फरपुर  से मोतिहारी आने के क्रम में पानापुर के पास लापरवाह बस चालक ने 2  स्कूली बच्चों को रौंदकर भाग गाया , बहुत सारी गाड़ियां आती जाती रही लेकिन किसी ने उसको हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया , हम और हमारे भाई अभीजीत सिंह हम दोनों ने मिलकर उसके बच्चे को अस्पताल पहुंचाया ,  वहां पहुंचने पर उस घायल बच्चे के परिवार के लोगों के द्वारा हम पर ही दबाव बनाया जाने लगा कि आप ठोकर मारे और आप ही इलाज का सारा खर्च देना होगा हॉस्पिटल में तब तक 1000 से ज्यादा का भीर जमा हो चुका था ,  देर है अंधेर नहीं उस बच्चे को होश आया इस बच्चे ने बताया  दूसरे गाड़ी वाले ठोकर मारा था इन्हीं लोगों ने मेरा जान बचाया है, यहां से चलने के बाद हमें ऐहसास कि शायद इसीलिए कोई  दुर्घटना में घायल व्यक्ति को कोई गाड़ी वाला हॉस्पिटल क्यों नहीं ले जाता है

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